ब्लग शुगर नियंत्रित करने में रामबाण है करेला, संगम नगरी में जैविक खेती से उगा रहे, यूरोप के मधुमेह रोगियों में बढ़ी मांग
संगम नगरी में किसान करेले की जैविक खेती कर रहे हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यूरोप में इसकी मांग बढ़ रही है। फूलपुर, प्रतापपुर जैसे क्षेत्रों में किसान समूह बनाकर बिना रसायन के करेला उगा रहे हैं। प्रयागराज से लखनऊ, दिल्ली-एनसीआर और अब यूरोप तक करेला निर्यात हो रहा है। भिंडी के बाद करेला भी विदेश में लोकप्रिय हो रहा है।

रक्त शर्करा के लिए करेला एक प्राकृतिक उपचार है, प्रयागराज में जैविक खेती कर यूरोप को निर्यात किया जाता है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गंगा और यमुना के दोआब में उगाई जा रही करेले की फसल के एशिया के कई देशों समेत यूरोप के विभिन्न देशों में रहने वाले मधुमेह रोगी कायल हो गए हैं। इस तरह मांग बढ़ने से संगम नगरी में पिछले तीन से चार वर्षों में करेले का रकबा भी बढ़ा दिया गया है। प्रयागराज मंडल में तीन से छह हजार हेक्टेयर में करेले की खेती की जाने लगी है, जिसे 10 हजार हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य है।
करेला के यौगिक शरीर में इंसुलिन की तरह करते हैं काम
डायबिटीज में करेला काफी लाभदायक होता है। इसके यौगिक प्राकृतिक रूप से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये यौगिक शरीर में इंसुलिन की तरह काम करते हैं और शुगर लेवल को कम करने में सहायक होते हैं। वह भी बिना रासायनिक खाद के जैविक करेला तो बेजोड़ है।
प्रयागराज के इन इलाकों में हो रही करेला की जैविक खेती
प्रयागराज में फूलपुर, प्रतापपुर, बहादुरपुर, घूरपुर, भीरपुर, लालापुर, बीरपुर, लीलापुर, सैदाबाद, सोरांव, बहरिया क्षेत्र में करेला की भी बड़े स्तर पर जैविक खेती की जाने लगी है। इन इलाकों में जैविक समूह बनाकर किसान करेला की खेती बिना रसायन के कर रहे हैं। काफी संख्या में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) इसकी खेती कर रहे हैं।
किसान मेला में भी लगाया जाता है स्टाल
फूलपुर फार्मर प्रोड्यूसर के मुनीष कुमार करेला समेत अन्य सब्जियों का स्टाल किसान मेला में लगाकर इससे दूसरे किसानों को प्रेरित भी कर रहे हैं। बुधवार को जिला पंचायत में प्रयागराज व कानपुर मंडल की रबी उत्पादकता गोष्ठी में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल, डीएम मनीष कुमार वर्मा, कृषि सचिव इंद्रविक्रम सिंह, कृषि निदेशक डा.पंकज त्रिपाठी, उप कृषि निदेशक प्रयागराज पवन कुमार ने मुनीष का उत्साहवर्धन किया था।
लखनऊ और दिल्ली-एनसीआर में भी निर्यात हो रहा
मुनीष ने बताया कि प्रयागराज के साथ ही लखनऊ तथा दिल्ली-एनसीआर तक यहां का करेला जा रहा है। अब यूरोप के देशों ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, पोलैंड तक उनका करेला जाने लगा है। अभी तक प्रयागराज मंडल से भिंडी, बींस और सहजन निर्यात हो रहा था।
यहां की भिंडी खाड़ी देशों की पहली पसंद
प्रयागराज, कौशांबी व फतेहपुर की भिंडी तो खाड़ी देशों की पहली पसंद बन चुकी है। यहां से हरी व लाल भिंडी खाड़ी देशों में भेजी जा रही है। करेला की फसल मंडल भर में पूरे वर्ष ली जा रही है। यहां से विशेष वाहनों से ये सब्जियां वाराणसी जाती है, जहां से कार्गो से विदेश जाती हैं।
उत्पादन बढ़ाने की की जा रही कवायद
सीडीओ हर्षिका सिंह का कहना है कि यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि प्रयागराज और आसपास के जिलों के किसान जैविक खेती कर सब्जियों का निर्यात करने लगे हैं। ऐसे किसानों की संख्या तथा सब्जियों के निर्यात बढ़ाने के लिए जल्द ही गांवों के क्लस्टर बनाए जाएंगे, जिससे उत्पादन बढ़ाया जा सके।

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