प्रयागराज में आशीष के छोले-कुलचे के लोग दीवाने हैं, आप भी कटरा में विश्वविद्यालय मार्ग पर आएं तो स्वाद अवश्य चखें
प्रयागराज में आशीष कुमार धुरिया के छोले-कुलचे का स्वाद अनोखा है। कटरा स्थित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गेट नंबर दो के सामने उनकी दुकान पर दिनभर भीड़ रहती है। आशीष ने राजस्थान में छोले-कुलचे बनाने की विधि सीखी और नौकरी छोड़कर यहाँ दुकान खोल ली। वे छोले बनाने के लिए मटर प्याज टमाटर हरी मिर्च और मसालों का उपयोग करते हैं। लोग उनके खान-पान के दीवाने हैं।

राजेंद्र यादव, प्रयागराज। संगम नगरी यूं तो धर्म और ऐतिहासिक नगरी के नाम से विख्यात है। यहां का खान-पान भी निराला है। एक से एक लजीज व्यंजन लगभग शहर के सभी मुहल्लों का प्रसिद्ध है। यहां हम स्ट्रीट फूड की चर्चा करेंगे। शहर के कटरा मुहल्ला स्थित विश्वविद्यालय मार्ग पर एक दुकान में छोले-कुलचे की दूर-दूर तक डिमांड है। एक बार इसका स्वाद लेने वाला बार-बार यहां खिंचा चला आता है।
लोकप्रिय व्यंजन है छोला-कुलचा
छोला-कुलचा लोकप्रिय व्यंजन है, जिसमें तीखे और मसालेदार छोले (मटर या चना) को नरम कुलचे (मैदा-आटा-सूची की गोल रोटी) के साथ परोसा जाता है। यह एक ऐसा व्यंजन माना जाता है जिसका स्वाद लाजवाब होता है। खासतौर पर यह व्यंजन दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में प्रसिद्ध है, लेकिन अब इसका स्वाद संगम नगरी के लोग भी ले रहे हैं।
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विश्वविद्यालय के गेट नंबर दो के सामने है दुकान
कटरा मुहल्ले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के गेट नंबर दो के सामने आशीष कुमार धुरिया छोलू-कुलचे की दुकान लगाते हैं। दिनभर यहां छात्र-छात्राओं के अलावा इधर से गुजरने वाले तमाम लोगों की भीड़ जुटी रहती है। मसालेदार छोले और नरम, मखनी कुलचे खाने के बाद हर कोई यह जरूर कहता है कि वाह मजा आ गया।
राजस्थान से सीखी छोला-कुलचा बनाने की विधि
यमुनापार में करछना के रहने वाले आशीष बताते हैं कि वह राजस्थान में एक कंपनी में काम करते थे। वहीं बगल में छोले-कुलचे की दुकान लगती थी। कंपनी से छुट्टी के बाद वह दुकान पर वे समय बिताते थे। इसी दौरान छोले-कुलचे बनाने की विधि सीखी।
नौकरी छोड़ आए और खोल ली दुकान
करीब छह माह पूर्व नौकरी छोड़कर यहां आकर उन्होंने दुकान खोल ली। बताते हैं कि छोला बनाने के लिए सफेद मटर, प्याज, टमाटर, हरी मिर्च, अदरक, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला, नमक, हरी धनिया का प्रयोग करते हैं। सफेद मटर को रातभर के लिए पानी में भिगोकर रखते हैं। अब अगले दिन पानी में नमक डालकर उबालते हैं।
लजीज बनाने में इन सामग्रियों का करते हैं प्रयोग
इसके बाद बारीक कटा प्यार, टमाटर, हरी मिर्च, कद्दूकस की हुई अदरक और सभी मसाले डालकर मिश्रण करते हैं। आखिर में इसमें हरी धनिया पत्ती डालते हैं। इसी प्रकार कुलचा बनाने के लिए मैदा, आटा, सूची काे मिलाते हैं। हल्का सा दही का भी प्रयोग करते हैं, ताकि कुलचा नरम और कुरकुरा रहे, ताकि लोगों को इसका स्वाद अलग लगे।
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