इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए खुशखबरी, शुरू होगा यह खास पाठ्यक्रम
इलाहाबाद विश्वविद्यालय अब चार वर्षीय एकीकृत बीए-बीएड पाठ्यक्रम (आईटीईपी) शुरू करेगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् ने विश्वविद्यालय को मंजूरी दे दी है। यह दोहरी डिग्री इंटरमीडिएट के बाद मिलेगी और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। छात्र स्नातकोत्तर एमएड कर सकते हैं या सीधे शिक्षक बन सकते हैं। प्रवेश एनसीईटी परीक्षा के माध्यम से होगा और केवल 50 सीटें उपलब्ध हैं।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग से अब चार वर्षीय एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) यानी बीए-बीएड हो सकेगा। शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् (एनसीटीई) ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय को एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) करवाने की स्वीकृत प्रदान कर दी है।
देश के केवल छह केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अभी तक चार वर्षीय एकीकृत बीएड पाठ्यक्रम करवाने की अनुमति थी। यह पाठ्यक्रम प्रारंभ होने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नाम एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है।
आइटीईपी पाठ्यक्रम एक दोहरी डिग्री (डुअल डिग्री) कार्यक्रम है। इसमें इंटरमीडिएट स्तर के बाद प्रवेश मिलेगा। यह पूर्ण रूप से एक व्यावसायिक कार्यक्रम है जिसमें सौ प्रतिशत रोजगार प्रदान करने की क्षमता है। इस चार वर्ष की अवधि के बाद विद्यार्थी को बीए-बीएड की डिग्री प्राप्त होगी और उसके पास तीन विकल्प होंगे।
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आइटीईपी पाठ्यक्रम करने के बाद विद्यार्थी किसी प्रमुख विषय में एक वर्षीय स्नातकोत्तर (पीजी) कर सकेगा। वहीं, दूसरी ओर वह एक वर्षीय एमएड करके आगे शिक्षा के क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकेगा। इसके साथ ही आइटीईपी पाठ्यक्रम (बीए-बीएड) के बाद विद्यार्थी बतौर शिक्षक सीधे शिक्षण पेशे में शामिल हो सकता है।
50 सीटों पर ही होगा दाखिला।
ऐसे समझे कोर्स के बारे में
एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) एक चार वर्षीय बीएड कार्यक्रम है, जिसे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसका उद्देश्य शिक्षकों को समग्र और बहुविषयक तरीके से प्रशिक्षित करना है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) का एक महत्वपूर्ण भाग है।
वर्तमान में मल्टीडिसिप्लेनरी कोर्स को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसी के तरह चार वर्षीय आईटीईपी पाठ्यक्रम में बीएड के साथ ही अन्य कोर्स जैसे विज्ञान, कला आदि को भी पढ़ाया जाएगा। वर्ष 2030 तक आईटीईपी कार्यक्रम को स्कूल शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता बनाने की योजना है।
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इस पाठ्यक्रम में होगी 50 सीटें
जनसंपर्क अधिकारी प्रो. जया कपूर ने बताया कि एकीकृत अध्यापक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीईपी) में प्रवेश राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (एनसीईटी) में प्राप्त अंकों के आधार पर होगा। आवेदकों को विश्वविद्यालय और आइटीईपी के सूचना बुलेटिन में उल्लिखित विशिष्ट पात्रता आवश्यकताओं और मानदंडों को भी पूरा करना होगा। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) हर वर्ष एनसीईटी के लिए प्रवेश परीक्षा करवाएगी। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में केवल 50 सीटों पर ही प्रवेश मिलेगा।
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