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    UP News: बिरयानी लाने पर स्कूल से निकाले गए छात्र को हाई कोर्ट से राहत, दिए प्रवेश के निर्देश

    Updated: Thu, 19 Dec 2024 07:35 AM (IST)

    इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अमरोहा में एक सात वर्षीय मुस्लिम छात्र की मदद के लिए कदम बढ़ाया है जिसे कथित तौर पर टिफिन बॉक्स में नॉनवेज बिरयानी लाने के कारण निजी स्कूल से निष्कासित कर दिया गया था। न्यायालय ने जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि छात्र और उसके भाई-बहनों को दो सप्ताह के भीतर किसी अन्य सीबीएसई से संबद्ध स्कूल में प्रवेश दिलाया जाए।

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    इलाहाबाद उच्च न्यायालय मुस्लिम छात्र की मदद के लिए आगे आया है। जागरण

     विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। अमरोहा में सात वर्षीय उस मुस्लिम छात्र की मदद के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय आगे आया है जिसे कथित तौर पर टिफिन बाक्स में नानवेज बिरयानी लाने के कारण निजी स्कूल से निष्कासित कर दिया गया है।

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    न्यायमूर्ति सिद्धार्थ और न्यायमूर्ति सुभाष चंद्र शर्मा की पीठ ने अमरोहा के जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि तीनों बच्चों (छात्र और उसके भाई-बहन) को दो सप्ताह के भीतर किसी अन्य सीबीएसई से संबद्ध स्कूल में प्रवेश दिलाया जाए और इस संबंध में वह हलफनामा दायर करें।

    अनुपालन न करने पर डीएम को अगली सुनवाई तिथि छह जनवरी पर उपस्थित रहना होगा।यह घटना सितंबर 2024 की है। कथित तौर पर कक्षा तीन के छात्र को उसके दो भाई-बहनों के साथ स्कूल के प्रिंसिपल ने निष्कासित कर दिया था।

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    आरोप है कि प्रिंसिपल ने लड़के की परवरिश पर भी सवाल उठाया। छात्र की मां और स्कूल प्रिंसिपल के बीच बातचीत का कथित वीडियो प्रसारित हुआ था। अधिकारियों ने मामले की जांच के लिए समिति गठित की। समिति ने प्रिंसिपल को क्लीनचिट दे दी और अनुचित भाषा के लिए केवल उनकी खिंचाई की।

    मां सबरा और उसके तीन बच्चों ने एफआइआर दर्ज करने समेत विभिन्न राहतों की मांग करते हुए हाई कोर्ट की शरण ली है। दावा किया है कि स्कूल के आचरण से उनका शिक्षा का अधिकार प्रभावित हुआ है। मां का आरोप है कि बच्चे को प्रिंसिपल ने पीटा था, लेकिन प्रिंसिपल ने इन आरोपों से इन्कार किया है।

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    निवेशकों को विशेष अदालत में दावा पेश करने की अनुमति

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जालसाजी व धोखाधड़ी की आरोपित रियल एस्टेट कंपनी शाइन सिटी के सभी निवेशकों को पहली जुलाई 2024 के अंतरिम आदेश के तहत प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) विशेष अदालत के समक्ष अपना दावा पेश करने की अनुमति दी है। साथ ही विशेष अदालत को उसे तय करने का निर्देश दिया है और पूर्व आदेश के अनुपालन में उठाए गए कदमों की कार्यवाही रिपोर्ट मांगी है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति ए के सिंह देशवाल की खंडपीठ ने प्रकाश चंद्र तिवारी की अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट के आदेश से शाइन सिटी के निवेशकों को अपने दावे को लेकर बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कहा है कि कोई भी निवेशक अपना दावा विशेष अदालत में पेश कर सकता है चाहे उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर की हो अथवा नहीं।

    अंतरिम आदेश का लाभ सभी को समान रूप से मिलेगा। खंडपीठ ने केंद्र सरकार से विदेश भागने वाले मुख्य आरोपित कंपनी डायरेक्टर के प्रत्यर्पण के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी के साथ हलफनामा मांगा है और ईडी के विवेचना अधिकारी के मूल विभाग में वापसी न कर विवेचना करने देने संबंधी मांग पर कहा है कि विशेष अदालत में अर्जी दाखिल होने पर उचित आदेश पारित किया जाए।

    राज्य सरकार की तरफ से विवेचना की प्रगति रिपोर्ट पेश की गई। इससे पहले कोर्ट ने निवेशकों के दावों पर पांच माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। आदेश का पालन करने के लिए ईडी की तरफ से चार सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा गया। कोर्ट ने सामान्य समादेश जारी कर अगली सुनवाई की तिथि 21 अप्रैल 2025 नियत कर दी।