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    संभल के बाद काशी में बंद मंदिर मिलने से हड़कंप, शंखनाद व हर-हर महादेव के उद्घोष से माहौल तनावपूर्ण

    Updated: Wed, 18 Dec 2024 11:29 AM (IST)

    Varanasi News वाराणसी के मदनपुरा इलाके में एक बंद पड़े मंदिर को लेकर तनाव बढ़ गया है। मंगलवार को कुछ महिलाओं ने वहां शंखनाद किया और हर हर महादेव का उद्घोष किया। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। मंदिर के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

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    डीएम मोबाइल से मंदिर की तस्वीर लेते हुए। जागरण

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुस्लिम बहुल इलाके में बंद पड़े मंदिर की जानकारी पर मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग मदनपुरा की घनी बस्ती पहुंचे। इसमें शामिल कुछ महिलाओं ने वहां शंखनाद किया और हर हर महादेव का उद्घोष किया। स्थानीय लोगों ने इस आपत्ति की तो वहां का माहौल तनावपूर्ण हो गया। सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस पहुंच गई। महिलाओं को हटा-बढ़ा दिया, दुकानों को बंद कर दिया। एहतियातन मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के तैनात कर दिया गया है।

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    सुबह से ही मदनपुरा इलाके में मंदिर के आसपास मीडिया का जमावड़ा होने लग रहा था। मंदिर के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की लेकिन वह कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि मंदिर काफी पुराना है। 70-75 साल पहले भी उन्होंने मंदिर को इसी हालत में देखा था।

    दोपहर में सनातन रक्षा दल के अजय शर्मा के नेतृत्व में आधा दर्जन महिलाओं ने वहां पहुंचकर शंखनाद किया और हर हर महादेव का उद्घोष किया। आसपास के लोगों ने इसका सख्ती से विरोध किया। उनका कहना था कि नई परंपरा बनाकर क्षेत्र की स्थिति तनावपूर्ण न की जाए। महिलाओं की ओर से कुछ लोग आ गए। इससे स्थित तनावपूर्ण हो गई।

    इसकी जानकारी होते ही डीसीपी काशी गौरव बंशवाल भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने मंदिर के आसपास मौजूद भीड़ को वहां से हटवा दिया। क्षेत्र की दुकानों को भी बंद करा दिया। मंदिर के आसपास के घरों में रहने वाले लोगों को बातचीत करके उनसे संयम बरतने को कहा। उनके साथ एडीएम सिटी आलोक वर्मा भी रहे। उन्होंने मंदिर व आसपास के स्थलों का निरीक्षण किया।

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    उनका कहना है कि देखने में इमारत का स्वरूप मंदिर जैसा है। यह जिस भूमि पर बना है इस पर किसका स्वामित्व है यह रिकार्ड देखने पर पता चलेगा। इसमें तीन-चार दिन का वक्त लगेगा। उनका कहना है कि अगर यह मंदिर है तो उस पर किसी का निजी स्वामित्व नहीं होता है। यह सार्वजनिक संपत्ति घोषित होती है तो उसमें दर्शन-पूजन का सभी को अधिकार मिलेगा।

    मदनपुरा मे पीछे जाकर मंदिर का निरीक्षण करते हुए डीएम।


    वहीं डीसीपी काशी गौरव बंशवाल का कहना है कि मौके पर फोर्स तैनात कर दी गई है। मंदिर का ताला खोलने जैसी अभी कोई बात नहीं है। वहां मौजूद मकानों व जमीन के अभिलेखों की जांच की जाएगी। उससे कुछ स्पष्ट होत है तो इसकी जानकारी शासन व प्रशासन को दी जाएगी फिर जैसा निर्देश मिलेगा किया जाएगा।

    उनका कहना कि क्षेत्र में एहतियात के तौर पर फोर्स तैनात कर दी गई है। वहीं मंदिर के बारे में पुलिस को जानकारी देेने वाले सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि मुस्लिम बहुल इलाके में मंदिर सालों से बंद पड़ है। वह चाहते हैं कि मंदिर के दरवाजे पर लगा ताला खोला जाए और उनको समेत अन्य लोगों को वहां पूजा-पाठ करने का अधिकार दिया जाए।

    सालों से बंद है मंदिर का दरवाजा

    मनदपुरा के गोल चबूतरा के पास मौजूद मंदिर का दरवाजा सालों से बंद पड़ा है। 60-70 साल के स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने बचपन से मंदिर को बंद ही देखा है। मंदिर पूरब उत्तर और दक्षिण भाग से खुला है। पश्चिम भाग में ताज व्यापारी का सटा मकान है।

    मंदिर का आकार एक शिव मंदिर का है। बाहरी आकार को देखकर इसकी गुंबद की आकृति शिव मंदिर की ही लगती है। कुछ बुजुर्गों का कहना है कि यह एक बंगाली परिवार का मकान था जिसे दशकों पहले उसने मुस्लिम व्यापारी को बेच दिया था। वर्तमान में वहां साड़ी की गद्दी है और कुछ लोग रहते भी हैं। उसी मकान के पूर्वी भाग में यह मंदिर स्थित है।

    मंदिर का पूर्वी, उत्तरी व दक्षिणी भाग खुला है। पूरब दक्षिण में सड़क है। दक्षिणी भाग में दरवाजा लगा है जो बंद है। उत्तरी खुले भाग से होकर मकान में जाने के लिए एक तीन से चार फुट का गलियारा है। यह मकान का मुख्य दरवाजा है। दरवाजे के ऊपर जमाल संस का बोर्ड लगा है। पश्चिमी भाग में मंदिर से सटे मकान का निर्माण किया गया है। मुख्य दरवाजे से गलियारे के उत्तर ओर पांच खंभे हैं जो गलियारे की सीलिंग के आधार स्तंभ हैं।

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    सीलिंग में बनी गोलाकार फूलों की आकृति उकेरी गई है। खंभों के ऊपरी भाग में भी सीलिंग से लगे भाग में ऐसी की आकृति उकेरी गई है। खंभों के आधार पर भी यही डिजाइन है जो शिव मंदिर के स्थापत्य कला को दर्शाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार दक्षिण भाग की तरफ लगा दरवाजा टूट गया था और अंदर जानवर चले जाते थे। इसके बचाव के लिए किसी दरवाजा लगा दिया। उसमें ताला किसने लगाया यह कोई नहीं बताने को तैयार नहीं था।

    मदनपुरा स्थित बंद मंदिर को पूजन-अर्चन के लिए खोलने की मांग करते सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा व समर्थक। जागरण


    सिद्धीश्वर महादेव का मंदिर व सिद्धेश्वर कूप

    सनातन रक्षक दल के अध्यक्ष अजय शर्मा का दावा है कि काशीखण्ड में वर्णित है कि पुष्पदन्तेश्वर से अग्निकोण पर देवता और ऋषिगण के स्थापित बहुतेरे लिंग विराजमान हैं। उक्त पुष्पदन्तेश्वर से दक्षिण में ( मदनपुरा में बंद पड़ा यह मंदिर ) परमसिद्धिप्रद सिद्धीश्वर महादेव का मंदिर है। यदि कोई उनकी पंचोपचार से पूजा करे, तो उसे वे स्वप्न में परमसिद्धि को जता देते हैं।

    वही समीप में सिद्धतीर्थ कूप भी विद्यमान है । (जिसे लोग गोल चबूतरा बोलते वह कूप तीर्थ है।) उनका कहना है कि देवनाथपुरा से मदनपुरा तक देवनाथपुरा-मदनपुरा के बीच काशी के 18 पौराणिक शिव मंदिरों के लुप्त हुए हैं। उनकी मांग है कि लुप्त हुए मंदिरों की जांच कराकर उनमें पूजा-पाठ आरंभ किया जाना चाहिए।