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    Allahabad High Court : शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के आरोपित की हाई कोर्ट में सशर्त जमानत मंजूर, डेढ़ वर्ष से जेल में बंद था

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 01:58 PM (IST)

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी, जो पहले से ही चार बच्चों का पिता है, को सशर्त जमानत दी है। आरोपी पिछले डेढ़ साल से जेल में था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसे कोल्ड ड्रिंक में कुछ मिलाकर पिलाकर बलात्कार किया। कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ आरोपी को रिहा करने का आदेश दिया।

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    सहारनपुर में दुष्कर्म के आरोपित को इलाहाबाद हाई कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। 

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपित चार बच्चों के पिता की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति डा. गौतम चौधरी ने सुमित कुमार की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। अर्जी पर अधिवक्ता बीडी निषाद ने बहस की।

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    सहारनपुर के नांगल इलाके की घटना

    मामले के अनुसार थाना नांगल जिला सहारनपुर में पीड़िता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई गई। दो महीने बाद बिजनौर से पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया। पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में याची पर शादी का झांसा देकर सहारनपुर के एक होटल में कोल्डड्रिंक पिला कर बलात्कार करने का आरोप लगाया।

    मेडिकल रिपोर्ट में आंतरिक या बाह्य चोट नहीं मिली

    मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में उसने कहा कि उसकी उम्र 20 साल है, याची सुमित कुमार उसकी सहेली का भाई है। वह अपनी मर्जी से घर के बाहर निकली थी और सहारनपुर के एक होटल में सुमित ने उसके साथ दुष्कर्म किया। मेडिकल रिपोर्ट में आंतरिक या बाह्य कोई चोट पीड़िता के प्राइवेट पार्ट पर नहीं पाई गई। 

    याची के अधिवक्ता ने दिया यह तर्क 

    याची के अधिवक्ता ने कहा कि याची का नाम 15 दिन बाद आया। इसका कोई कारण नहीं लिखा गया, 161 के बयान में शादी का झांसा देने की बात आई, लेकिन 164 में पीड़िता ने याची को सहेली का भाई बताया। इसका मतलब था पीडिता को याची के चार बच्चों के पिता होने की जानकारी पहले से ही थी तब शादी और झांसे की बात झूंठी है। दो महीने बाद पीड़िता की बरामदगी भी याची के पास से नहीं है,

    कोर्ट ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया

    कहा कि विवेचना अधिकारी ने घटनास्थल का कोई नजरी नक्शा तक पेश नहीं किया। इस प्रकार अभियोजन की कहानी संदेहास्पद है। हाई कोर्ट ने डेढ़ साल से जेल में बंद याची को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।

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