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    Abbas Ansari : अब्बास अंसारी की सजा स्थगित करने पर फैसला सुरक्षित

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 01:56 PM (IST)

    Hearing of Abbas Ansari Hate Speech in Allahabad High Court भाषण के दौरान मंच पर मौजूद अब्बास अंसारी के चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी को भी मामले में दोषी ठहराते हुए छह महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले के खिलाफ अब्बास अंसारी की अपील मऊ की स्पेशल अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष लंबित है।

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    मऊ सदर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थे अब्बास अंसारी

    विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में हुई सजा स्थगित करने की मांग में दाखिल अब्बास अंसारी की पुनरीक्षण याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।

    यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने अब्बास अंसारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय तथा राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी व एजीए संजय सिंह को सुनकर दिया है।

    सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से मऊ सदर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से एमएलए रहे अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने पर अधिकारियों को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।

    इस मामले में ट्रायल के बाद मऊ की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी को आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 189 (सार्वजनिक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी) के तहत अपराध के लिए दो-दो साल कैद की सजा सुनाई थी।

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    इसके अलावा धारा 506 में एक वर्ष और धारा 171-एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव या व्यक्तिगत पहचान) के तहत अपराध के लिए छह महीने कैद की सजा सुनाई थी। स्पेशल कोर्ट ने सभी सजाएं एकसाथ चलाए जाने को कहा था। इसके अलावा दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

    भाषण के दौरान मंच पर मौजूद अब्बास अंसारी के चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी को भी मामले में दोषी ठहराते हुए छह महीने की कैद की सजा सुनाई गई। इस फैसले के खिलाफ अब्बास अंसारी की अपील मऊ की स्पेशल अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष लंबित है।

    इसके साथ अंसारी ने सजा को स्थगित करने के लिए प्रार्थना पत्र भी दिया था जिसे बीती पांच जुलाई को खारिज कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने यह पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी।

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