प्रतापगढ़ में 3 वर्ष पूर्व पादरी के झांसे में 4 परिवारों ने कराया था मतांतरण, अब गीता-गंंगा की कसम खाकर हिंदू धर्म अपनाया
Pratapgarh Conversion Case प्रतापगढ़ में आर्थिक तंगी और बीमारी से परेशान चार परिवारों ने तीन वर्ष पूर्व पादरी के बहकावे में आकर इसाई धर्म अपना लिया था। सच्चाई का पता चलने पर उन्होंने अपने को ठगा महसूस किया तो फिर सनातन धर्म में लौट आए। गंगा और गीता की कसम खाते हुए उन्होंने हिंदू धर्म को फिर से अपनाया।

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। आर्थिक तंगी व बीमारी से परेशान चार परिवारों ने तीन वर्ष पूर्व पादरी के झांसे में आकर मतांतरण कर लिया था। वहां हकीकत का पता चलने पर परिवार खुद को ठगा सा महसूस किया व पुन: सनातन में लौट आए। गीता, गंंगा की कसम खाते हुए हिंदू धर्म अपना लिया।
हीरागंज के राम नगर वार्ड तख्त का पुरवा गांव निवासी हरीलाल, कुल्लू सरोज, नन्हे लाल, ओम प्रकाश का परिवार मेहनत मजदूरी कर अपना भरण-पोषण करते थे। साथ ही परिवार की आर्थिक स्थित ठीक न होने के कारण बीमारियों से परेशान रहते थे।
तीन वर्ष पूर्व राम नगर वार्ड में लालगोपालंज के कुछ लोग आकर ईसाई धर्म का प्रचार कर लोगों को बीमारियों से छुटकारा व आर्थिक स्थित ठीक करने का प्रलोभन देने लगे। प्रलोभन व बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए हरीलाल की पत्नी फूलकली, कुल्लू सरोज की पत्नी शकुंतला देवी, नन्हे लाल की पत्नी निर्मला देवी, ओम प्रकाश की पत्नी विट्टन देवी इसाई बन गए।
हालांकि शायद उन्हें यह नहीं पता था कि जिस धर्म को छोड़कर व इसाई बन रहे हैं, उसमें भी उनके परिवार का भला नहीं होने वाला है। आखिरकार तीन वर्ष तक आश्वासन मिलने के बाद जब इन परिवारों को न तो कोई आर्थिक मदद मिली और न ही बीमारी से छुटकारा, ऊपर से समाज के लोगों की दुत्कार अलग मिल रही थी।
ऐसे में इन परिवार के लोगों ने पुन: अपना धर्म अपनाने की मंशा जाहिर की। इसके लिए आगे आई गांव की वार्ड सभासद सरिया सिंह व उनके पति विकास सिंह। उन्होंने शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी परिवारों को गंगा जल, चुनरी, माता रानी की फोटो, गीता समेत सामान देकर पुन हिंदू धर्म में वापसी कराई।
आनंद कुमार ने एक मुस्लिम महिला से विवाह किया था। साथ ही उसे भी हिंदू धर्म में शामिल कर लिया। सभासद व उनके पति की पहल को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चा है। वहीं घर वापसी करने परिवारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
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