सलाखों में कैद प्रतापगढ़ ब्लाक प्रमुख की पत्नी व बेटियों ने पुलिस पर मढ़े प्रताड़ना के आरोप, कहा- जबरन फंसाया गया, सीबीआइ जांच हो
पट्टी गोलीकांड मामले में आरोपित ब्लाक प्रमुख सुशील सिंह की पत्नी और बेटियों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस परिवार को परेशान कर रही है और जबरन ड्रग्स बरामदगी दिखाई है। उन्होंने सुशील सिंह को ड्रग्स मामले में फंसाने की बात कही और सीबीआइ जांच की मांग की।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ के पट्टी गोलीकांड व एमडी ड्रग्स की तस्करी के मामले में जेल में बंद ब्लाक प्रमुख बाबा बेलखरनाथ धाम सुशील सिंह के बचाव में पत्नी बबिता सिंह व बेटियां साक्षी व उदिता आ अई हैं। प्रतापगढ़ पुलिस पर कार्रवाई के नाम पर परिवार को परेशान करने, जबरन ड्रग्स गड्ढे में प्लांट करके बरामदगी दिखाने का आरोप लगाया है।।
यह भी पढ़ें- Pratapgarh Firing Case : पट्टी गोलीकांड में गिरफ्तार ब्लाक प्रमुख समेत दो का शस्त्र लाइसेंस निरस्त
रविवार दोपहर बाद पट्टी गोलीकांड के आरोपित ब्लाक प्रमुख सुशील सिंह की पत्नी व बेटियां मीडिया के सामने आईं। इस दौरान उन्होंने बाबा बेलखरनाथ धाम के ब्लाक प्रमुख को ड्रग मामले में जबरन फंसाने का आरोप लगाया। इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग भी की।
उन्होंने पट्टी गोलीकांड में आत्मरक्षा में गोली चलाने के बाद भी केस दर्ज करके पुलिस द्वारा पकड़े जाने का आरोप मढ़ा। कहा कि लाइसेंसी असलहा आत्मरक्षा के लिए मिलता है तो इसका प्रयाेग जान बचाने में करने पर केस क्यों दर्ज किया गया।
ब्लाक प्रमुख की पत्नी व बेटियों ने कहा कि यह सब करके उनके राजनीतिक करियर को खत्म और योगी सरकार को बदनाम करने का साजिश है। इसके खिलाफ व अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्याय के लिए उच्च स्तर पर जाएंगीं।
चर्चित प्रकरण में हो रही राजनीतिक बयानबाजी
गौरतलब है कि इस चर्चित प्रकरण में उल्लेखनीय यह भी है कि इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी चल रही है। ड्रग बरामदगी के बाद समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला था। भाजपा को गुंडा-माफिया की पार्टी तक कह दिया व सीएम से सवाल किया कि फायरिंग आरोपित प्रमुख की संपत्तियों पर बुलडोजर कब चलेगा। इधर भाजपा की ओर से कहा गया है कि सुशील भाजपा का केवल सदस्य है, किसी पद पर नहीं। प्रमुख का चुनाव भी पार्टी के सिंबल पर नहीं होता।
कब हुआ था पट्टी गोलीकांड
पट्टी गोलीकांड 21 जुलाई को हुआ था। इसमें प्रमुख द्वारा बैनामा कराने आए बृजेश तिवारी के परिवार के अरुण व आदित्य को गोली मारकर घायल कर दिया गया था। जमीन बेचने आए जगन्नाथ को अगवा कर लिया गया था, जो दूसरे दिन प्रयागराज में मिला था। घटना के बाद गिरफ्तार करके जेल भेजे गए प्रमुख समेत आठ में से तीन आरोपितों की जमानत निरस्त हो चुकी है।
क्या कहते हैं प्रतापगढ़ के एसपी
जिला सत्र न्यायाधीश ने जानलेवा हमले के आरोपित हरीश जायसवाल उर्फ पन्ने डेईडीह धौरहरा, जय प्रकाश मौर्य बिरौती तथा अखिलेश श्रीवास्तव रामकोला पट्टी की जमानत दो दिन पहले निरस्त कर दी थी। एमडी ड्रग बरामद करके पुलिस ने प्रमुख पर सातवां केस दर्ज किया था। एसपी डा. अनिल कुमार का कहना है कि केस की जांच चल रही है। तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।