अनोखे मिलन की हैरान करने वाली सच्चाई, बुजुर्ग जोड़े ने एक-दूसरे को पहनाई माला; अदालत में चला था मुकदमा
शिव प्रसाद पाठक लोक निर्माण विभाग में थे। एक दशक पहले रिटायर होने के बाद घर पर आए तो तालमेल नहीं बना। खुद एक बेटे के साथ रहने लगे पत्नी प्रभु देवी दूसरे बेटे के साथ रहने लगीं। इसके बाद 75 साल की पत्नी ने गुजारा खर्च का वाद दायर कर दिया। करीब 80 साल के शिव प्रसाद हैं। शनिवार को दोनों का विवाद व केस खत्म हो गया।

जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। लोक अदालत में परिवार न्यायालय द्वारा करीब एक दर्जन ऐसे दंपतियों को सुलह-समझौते के आधार पर मुकदमे के झमेले से आजाद किया गया, जो आपसी मतभेद से अलग हो गए थे। रिश्ते टूटने टूट गए थे।
इन सभी के केस चल रहे थे। इनमें कुछ नए जोड़े भी थे और कुछ आधी उम्र बिता चुके थे। इनको माल्यार्पण करके और मिठाई खिलाकर फिर से जिंदगी की राह पर एक साथ चलने को प्रेरित किया गया।
पत्नी ने दायर किया था गुजारा खर्च का वाद
किशुनगंज पाठक का पुरवा के शिव प्रसाद पाठक लोक निर्माण विभाग में थे। एक दशक पहले रिटायर होने के बाद घर पर आए तो तालमेल नहीं बना। खुद एक बेटे के साथ रहने लगे, पत्नी प्रभु देवी दूसरे बेटे के साथ रहने लगीं।
इसके बाद 75 साल की पत्नी ने गुजारा खर्च का वाद दायर कर दिया। करीब 80 साल के शिव प्रसाद हैं। दोनों को उनके अधिवक्ता दिलीप कुमार शुक्ल ने विधिक सेवा प्राधिकरण के जरिए समझौते के लिए तैयार किया।
शनिवार को दोनों का विवाद व केस खत्म हो गया। दोनों ने एक दूसरे के गले में माला डाली। जिला जज ने उनको एक राह पर फिर से चलने की बधाई देते हुए कहा कि मुकदमेबाजी से कुछ नहीं मिलता। बच्चों का बहुत नुकसान होता है।
पति-पत्नी एक दूसरे की कमियों की जगह अच्छाई को देखें और जिंदगी को राजी खुशी जीएं। बागवान फिल्म की तरह इस कहानी का सुखद क्लाइमेक्स लोगों को भावुक कर गया। बुजुर्ग पति-पत्नी का चेहरा खुशी से चमक उठा।
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