60 KM लंबा 'डेथ जोन' बना NH-730: न पेट्रोलिंग टीम, न सुरक्षा; सिर्फ एक एंबुलेंस के भरोसे हजारों जिंदगियां
पीलीभीत से शाहजहांपुर तक फैला NH-730 'डेथ जोन' बन गया है, जहाँ वाहनों की बढ़ती रफ्तार और दबाव के कारण दुर्घटनाएँ बढ़ रही हैं। सुरक्षा के इंतजाम नदारद ...और पढ़ें

पूरनपुर हाईवे पर मौजूद टोल प्लाजा। जागरण
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। पीलीभीत से पूरनपुर और शाहजहांपुर की सीमा तक फैला लगभग 60 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग 730 इन दिनों डेथ जोन बनता जा रहा है। वाहनों की बढ़ती रफ्तार और भारी दबाव के बीच इस हाईवे पर हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए किए गए इंतजाम पूरी तरह नदारद हैं।
पूरनपुर से पीलीभीत के 40 किलोमीटर के व्यस्त मार्ग पर निगरानी के लिए पेट्रोलिंग टीम तक नहीं है, पूरी व्यवस्था महज एक एंबुलेंस के भरोसे टिकी है। पिछले कुछ महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो पीलीभीत-पूरनपुर हाईवे पर औसतन हर सप्ताह दो से तीन गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं।
तेज रफ्तार ओवरलोड वाहन और मोड़ों पर संकेतक न होना हादसों का मुख्य कारण बन रहा है। हादसे के बाद गोल्डन आवर में इलाज न मिल पाने के कारण कई लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। यदि हाईवे पर नियमित पेट्रोलिंग टीम होती, तो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन रुकता और हादसों की संख्या में कमी आती।
पेट्रोलिंग नहीं, तो कैसे थमेगी रफ्तार
पूरनपुर से पीलीभीत की 40 किमी की दूरी और उससे आगे शाहजहांपुर बार्डर तक 18 किमी का सफर तय करने में वाहनों की गति पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है। जबकि इस रूट पर सबसे अधिक वाहनों का दबाव रहता है। हाईवे अथारिटी को नियमित पेट्रोलिंग वाहन तैनात करने चाहिए, जो खराब खड़े वाहनों को हटा सकें और यातायात सुचारू कर सकें। पेट्रोलिंग टीम के न होने से रात के समय यह हाईवे और भी खतरनाक हो जाता है।
एक एंबुलेंस के भरोसे 60 किलोमीटर की निगरानी
इतनी लंबी दूरी की निगरानी और आपातकालीन सहायता के लिए महज एक एंबुलेंस की तैनाती प्रशासन की गंभीरता पर सवालिया निशान लगाती है। यदि एक ही समय पर दो अलग-अलग स्थानों पर हादसे हो जाएं, तो घायलों को अस्पताल पहुंचाना नामुमकिन हो जाता है।
टोल पर एक एंबुलेंस की व्यवस्था है, जो हाइवे पर लगातार अपनी सेवाएं दे रही है। हालांकि अभी पेट्रोलिंग टीम नहीं है इसके लिए एनएचआई से मांग की गई है। जल्द ही पेट्रोलिंग टीम टोल पर मौजूद रहेगी।
- रजनीश कुमार, टोल प्लाजा मैनेजर पीलीभीत
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