ऐश-ओ-आराम और 'गर्लफ्रेंड' की डिमांड ने अर्शदीप को बनाया मुजरिम, जब्त हुआ विदेशी पासपोर्ट
घुंघचाई पुलिस ने 18 वर्षीय अर्शदीप सिंह को ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए 11 राज्यों में करोड़ों की साइबर ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया है। वह पहले गिरफ्तार ...और पढ़ें

ठगी का आरोपित अर्शदीप सिंह
संवाद सूत्र जागरण, घुंघचाई (पीलीभीत)। भोली सी सूरत, मासूम चेहरा, उम्र भी 18 वर्ष लेकिन कारनामे ऐसे कि कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत 11 राज्यों में ठगी कर ली, जहां की पुलिस ने उसके बैंक खातों से लेनदेन पर होल्ड लगा दिया। आनलाइन गेमिंग एप के जरिये आरोपित लोगों के साथ साइबर ठगी करता था।
अंतरराज्यीय साइबर ठग गैंग में शामिल आरोपित वांछित था। घुंघचाई पुलिस थाना पुलिस ने आरोपित के पास से मोबाइल, यूएई का पासपोर्ट आदि सामान बरामद कर किया गया है। पुलिस अब तक इस मामले में आठ आरोपितों को जेल भेज चुकी है। आरोपित गेम के जरिए ठगी करते थे।
आनलाइन गेम फेयर प्ले गेमिंग एप के माध्यम से लोगों को फंसाकर करोड़ों रुपये की साइबर ठगी करने वाले गैंग के सरगना अमृतलाल सिंह के भाई अर्शदीप सिंह को पुलिस ने दबोच लिया। आरोपित के बैंक खाते पर 11 राज्यों में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग (एनसीआरपी) पोर्टल से होल्ड लगाया गया है। उसके कब्जे से ठगी में प्रयुक्त उपकरण आदि बरामद किए गए हैं।
घुंघचाई थाना क्षेत्र के गांव हरीपुर निवासी अमृतलाल सिंह दुबई में प्रशिक्षण के बाद घर में फर्जी काल सेंटर स्थापित कर साइबर ठगी का खेल कर रहा था। इस धंधे के लिए उसने अपना अंतर्राष्ट्रीय गैंग तैयार कर रखा था। पुलिस ने इस बड़े ठग गैंग का भंडाफोड़ करते हुए छह दिसंबर को छह आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इससे पहले पुलिस ने चार दिसंबर को तीन आरोपितों को पकड़ा था जो फर्जी सिम बिक्री करने और ठगी के रुपये बैंक खाता में उपलब्ध कराने में शामिल थे।
पकड़े गए ठगों में एक नेपाल का भी आरोपित था। गैंग में शामिल मुख्य सरगना अमृतपाल जब जेल चला गया तो उसका भाई अर्शदीप फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश लगातार कर रही थी। इंस्पेक्टर थाना घुंघचाई जयशंकर सिंह ने बताया कि बुधवार को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने अर्शदीप को घर से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपित ने बताया कि घर बैठे रुपये कमाने के लालच में वह भी यह कार्य करने लगा। उसका भाई पहले ही इस कार्य में लिप्त था। इसलिए वह भी जुड़ गया। भाई के पकड़े जाने पर उसने अपने मोबाइल का सभी डाटा डिलीट कर दिया और फिर फरार हो गया। 11 राज्यों के लोगों से ठगी होने पर उसके खातों में होल्ड लगा दिया गया।
ठगी के रुपये निकालने पर वह स्वयं जाता था। साइबर ठगी के कुछ रुपये मेरे पिता गुरप्रीत के खाते से उसके खाते में आए, इसलिए पिता के खाता भी होल्ड लग गया। उधर, पुलिस ने आरोपित के कब्जे से दो मोबाइल, सात एटीएम कार्ड, एक पेनकार्ड, एक आधार कार्ड, एक कार्ड यूएई देश का बरामद कर जेल भेज दिया गया।
अमृतपाल के जेल जाले के बाद दोबारा गैंग बनाने लगा था सक्रिय
साइबर ठगी गैंग के आरोपित अमृतपाल की गिरफ्तारी होने के बाद लग रहा था कि यह गैंग समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया। लेकिन 18 वर्ष के अर्शदीप ने साइबर ठगी गैंग की कमान अपने हाथ में लेने के लिए गैंग बनाना शुरू कर दिया। उसकी वाट्सएप चैट से यह जानकारी निकलकर सामने आई। अर्शदीप के पास पूर्व में जेल गए धर्मेंद्र कुमार, अमृतपाल, आकाश, सरविंदर के नाम के एटीएम कार्ड मिले हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
गर्लफ्रेंड और घर बैठे कमाने के चक्कर में साइबर ठगी करता था अर्शदीप
अर्शदीप की उम्र भले ही कम हो, लेकिन उसके शौक में कोई कमी नहीं थी। गर्लफ्रेंड के साथ खर्च करने और घर बैठे कमाने के चक्कर में वह साइबर ठगी के दलदल में उतर गया। साइबर ठग भाई के साथ रहकर उसने जो राह चुनी, उस पर तेजी से बढ़ना चाहता था।
साइबर ठगी में गेमिंग फ्राड के जरिये लोगों के साथ ठगी करने के आरोपित अर्शदीप को घुंघचाई पुलिस टीम ने पकड़ा है, जिसके खाते पर 11 राज्यों से होल्ड लगा था। साइबर ठगी के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है।
- अभिषेक यादव, एसपी
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