Pilibhit Encounter: 800 KM दूर आकर सुरक्षित मान बैठे थे लेकिन...मारे गए तीन खालिस्तान समर्थक आतंकियों पर बड़ा अपडेट
Pilibhit Encounter Update News पीलीभीत में मारे गए खालिस्तान समर्थक आतंकियों ने होटल में रुकने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाए थे। फोटो खिंचवाने से पंजाब पुलिस को मूवमेंट का पता लगा था। पीलीभीत में किस रिश्तेदार के संपर्क में थे और उनकी मदद कहां से की जा रही थी इसका पता मोबाइल कॉल से लगाया जाएगा। मारे गए आतंकियों की फंडिंग की जांच भी जारी है।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत। Pilibhit News: पंजाब में बनवाए गए फर्जी आधार कार्ड से खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह व जसनप्रीत सिंह पूरनपुर के होटल में रुके थे। 800 किलोमीटर दूर आकर तीनों खुद को सुरक्षित मान बैठे थे, मगर फर्जी आधार कार्ड बनवाने के दौरान खिंचवाए गए फोटो से फंस गए।
पंजाब पुलिस को उस दौरान खींचे गए फोटो और तीनों के ताजा मूवमेंट की जानकारी मिल चुकी थी। वहां से सुराग की कड़ियां जुड़ती गईं, जिनके सहारे टीम पूरनपुर तक आ गई। इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से सोमवार सुबह तीनों आतंकियों का एनकाउंटर कर दिया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला होने के कारण एनआइए और एसटीएफ भी प्रकरण की जांच में जुट गई है।
पुलिस चौकी प हैंड ग्रेनेड फेंककर भागे थे
मंगलवार रात तक टीमों ने नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र की स्थिति देखी। 18 दिसंबर को तीनों आतंकी गुरदासपुर (पंजाब) में पुलिस चौकी पर हैंड ग्रेनेड फेंककर भागे तो छिपते-छिपाते पूरनपुर तक आ गए। एनकाउंटर के बाद खुफिया एजेंसियां यह पता करने में लगी हैं कि क्षेत्र में इनके मददगार कौन हैं। आरंभिक जांच में पता चला कि गुरविंदर की रिश्तेदार लखीमपुर खीरी क्षेत्र में रहती है, जोकि पूरनपुर से सटा हुआ। तराई में कौन लोग इन तीनों के संपर्क में थे, इसकी जांच के लिए कॉल डिटेल और मोबाइल फोन का ब्योरा भी खंगाला जा रहा है।
स्लीपिंग माड्यूल की जांच
पूरनपुर क्षेत्र पूर्व में आतंकवाद और उग्रवाद से ग्रसित रह चुका है। इसे ध्यान में रखते हुए अधिकारी हर स्तर पर जांच रहे कि कहीं दोबारा स्लीपिंग माड्यूल सक्रिय तो नहीं हो गया? तीनों आतंकी विदेश में रहने वाले सरगना के संपर्क में थे, मगर खुद कभी विदेश नहीं गए। इन तीनों से पासपोर्ट बरामदगी नहीं हुई।
पंजाब में गुरविंदर पर दर्ज हैं दो केस
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गुरविंदर पर पंजाब में दो केस दर्ज हो चुके हैं, वीरेंद्र व जसनप्रीत उसी के कहने पर काम करते थे। ये तीनों आसपास गांव के रहने वाले थे। इनमें दो आपस में रिश्तेदार भी थे। इसके अलावा भी पंजाब पुलिस से अन्य जानकारियां जुटाई जा रहीं, जिन्हें विवेचना में शामिल किया जाएगा। तीनों आतंकियों से मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं। फोरेंसिक टीमें एवं प्रयोगशाला के विशेषज्ञ इनकी जांच करेंगे। मोबाइल फोन से मिलने वाला डाटा पुलिस की जांच का प्रमुख हिस्सा बनेगा। उसी से स्पष्ट पता चल सकेगा कि तीनों आतंकी पंजाब में घटना से पहले से लेकर पूरनपुर आने तक किसके संपर्क में थे।
आतंकियों के स्वजन बोले, 17 दिसंबर को घर से निकले थे
तीनों आतंकियों के स्वजन मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन लड़कों की कभी कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी। आपस में तीनों की जान पहचान थी। ऐसे में मिलना जुलना रहता था। ये तीनों अलग-अलग घर से निकले थे, मगर तारीख एक ही थी। आतंकी गुरविंदर सिंह के पिता गुरदेव सिंह ने कहा कि वह मजदूरी करते हैं। बेटा किसी भी संदिग्ध परिस्थिति में है, ऐसा प्रतीत नहीं हुआ।
उससे एके-47 बरामद हुई ?
उससे एके-47 बरामद हुई, इस सवाल पर कहा कि उसके पास पहले कभी कोई असलाह नहीं देखा था। घर में एक साइकिल तक नहीं है। मजदूरी करके पेट पालते हैं। मारे गए आतंकी जसनप्रीत के पिता तारुन सिंह बोले कि बेटा अनपढ़ था। उसके पास कोई मोबाइल फोन भी नहीं था। पुलिस चौकी पर हमले के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। आतंकी वीरेंद्र सिंह बहनोई गुरमीत सिंह ने बातचीत के दौरान कहा कि कभी कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी। सात-आठ दिन पहले घर से निकला था। मुठभेड़ के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है।
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आतंकियों के शव लेकर जा रही एंबुलेंस रामपुर में हुई खराब
मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकियों के शव लेकर पंजाब जा रही एंबुलेंस रामपुर में लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर खराब हो गई। उसके रेडिएटर में खराबी आ गई। पहले एंबुलेंस पलटने की चर्चा हुई, अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने इससे इनकार किया है। एंबुलेंस के साथ पुलिस के तीन वाहन हैं। एसपी विद्यासागर मिश्र का कहना है, दूसरी एंबुलेंस मंगाकर शव भेजे गए हैं।
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