एनसीआर में मोबाइल झपटमारी कर करोलबाग में बेचते थे शातिर, चोरी के 22 फोन और दो बाइक समेत चार गिरफ्तार
नोएडा सेक्टर 58 पुलिस ने एनसीआर में सक्रिय मोबाइल झपटमारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के सरगना शमीम समेत चार बदमाशों को गिरफ्तार किया ग ...और पढ़ें

सेक्टर 58 थाना पुलिस की गिरफ्त में आरोपित। सौ. मीडिया सेल
जागरण संवाददाता, नोएडा। एनसीआर में राहगीरों से मोबाइल झपटकर दिल्ली करोलबाग में अलग-अलग पार्ट्स कर बेचने वाले गिरोह का नोएडा सेक्टर 58 थाना पुलिस ने शुक्रवार को पर्दाफाश किया। सरगना समेत चार बदमाशों को सेक्टर 62 स्थित डी पार्क के पास से दबोचा। आरोपितों से चोरी के 22 मोबाइल व दो बाइक बरामद हुईं। आरोपित वारदात के बाद चोरी का माल बेचने जाने के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़े। आरोपित दो साल से वारदात कर रहे हैं। पुलिस गिरोह पर गैंग्स्टर की कार्रवाई कर सकती है।
उत्तम नगर व आंबेडकर नगर से दो बाइक चुराई
नोएडा सेक्टर 58 थाना पुलिस ने चेकिंग के दौरान डी पार्क के पास से दो बाइक सवार चार संदिग्ध को दबोचा। डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद ने बताया आरोपितों की पहचान दिल्ली गोकलपुरी के शमीम व इनाम, गाजियाबाद लोनी के साजिद व सिकंदर उर्फ मुखिया के रूप में हुई। पूछताछ में पता चला है कि शमीम गिरोह का सरगना है। चारों ने मिलकर अगस्त में दिल्ली उत्तम नगर व आंबेडकर नगर से दो बाइक चोरी की थी।
फिर रकम को आपस में बांट लेते
चोरी की बाइक से नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली में भीड़भाड़ वाली जगह व अन्य स्थानों से राह चलते लोगों को निशाना बनाते हैं। लोगाें से मोबाइल झपटमारी कर भाग जाते हैं। पुलिस से बचने के लिए आपस में बाइक को बदल-बदल कर वारदात करते हैं। मोबाइलों को इकट्ठा कर पार्ट्स में काटा जाता है, ताकि पुलिस की पकड़ में नहीं आएं। सिकंदर और इनाम पार्ट्स को दिल्ली करोलबाग में सस्ते दाम पर खपाते हैं। कई बार तीन से पांच हजार रुपए में चोरी के मोबाइल को राहगीरों को बेच देते हैं। इससे प्राप्त रकम को आपस में बांट लेते हैं।
ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं शातिर
एडीसीपी शैव्या गोयल ने बताया कि शमीम और साजिद 10 वीं कक्षा तक पढ़े हैं, जबकि इनाम नौवीं कक्षा और सिकंदर अनपढ़ है। चारों दो साल से चोरी कर रहे हैं। आरोपितों पर चार मुकदमे दर्ज हैं। चारों राहगीरों के अलावा दुकान, घर व पीजी से भी मोबाइल चोरी करते हैं। सुबह के समय ज्यादा वारदात करते हैं। वह कमरा देखने का बहाना बनाकर रेकी भी करते हैं। उसके बाद ही मौका पाकर पीजी व घर में चोरी करते हैं।

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