नोएडा जिला अस्पताल में अव्यवस्था पर भड़कीं विशेष सचिव, बोलीं-यहां तो स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे
विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने नोएडा के सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने बाल रोग विभाग और ऑनलाइन ओपीडी में संसाधनों की कमी, साथ ही ...और पढ़ें

सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल में बैठक करतीं चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग विशेष सचिव आर्यका अखौरी। जागरण
जागरण संवाददाता, नोएडा। सेक्टर-39 के जिला अस्पताल में शुक्रवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की विशेष सचिव आर्यका अखौरी ने स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा से पूर्व निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था पर भड़क गईं। बाल रोग विभाग, जनरल व ऑनलाइन ओपीडी में चिकित्सकों को बिना संसाधन मरीजों की जांच करते देख स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को भगवान भरोसे तक कह दिया। फार्मेसी, आभा काउंटर व पंजीकरण डेस्क पर मरीजों की भीड़ देख जिम्मेदार अधिकारियों से कड़े सवाल पूछे व व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा की।
सचिव ने की स्टाफ बढ़ाने की मांग
विशेष सचिव आर्यका अखौरी व मेरठ मंडल के अधिकारी सुबह 11:15 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। सीएमओ डाॅ. नरेन्द्र कुमार व कार्यवाहक सीएमएस डाॅ. अजय राणा ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। निरीक्षण के दौरान विशेष सचिव ने अधिकारियों से विभिन्न योजनाओं की फाइलें मंगाकर गहनता से जानकारी ली। करीब आधे घंटे बाद वह निरीक्षण पर निकलीं तो अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। जब वे मेन गेट के सामने आभा पंजीकरण काउंटर पर पहुंचीं, तो मरीजों की भीड़ देख तुरंत मरीजों से बातचीत करना चाहा। तभी एक महिला ने स्टाफ द्वारा पंजीकरण के लिए चक्कर कटाने का आरोप लगाया। इस पर फोरेंसिक विशेषज्ञ डाॅ. ऋषभ कुमार सिंह ने ऑनलाइन पंजीकरण के लिए स्टाफ की कमी की बात कही। सचिव ने तुरंत स्टाफ बढ़ाने के लिए डिमांड देने को कहा।
यहां तो भगवान भरोसे चल रही है स्वास्थ्य व्यवस्था
विशेष सचिव ने आभा व पंजीकरण काउंटर पर लगे होर्डिंग्स पर सेवानिवृत्त या स्थानांतरण वाले अधिकारियों के नाम देख भड़क गईं। उन्होंने मरीजों को योजनाओं की सही जानकारी देने के लिए बोर्ड लगाने का निर्देश दिया। फार्मेसी काउंटर पर फार्मासिस्ट रजनी से आनलाइन मेडिसिन की जानकारी लेने के बाद अस्पताल के शौचालयों की सफाई व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। इसमें यह स्पष्ट हुआ कि आनलाइन और बाल रोग की ओपीडी में चिकित्सकों के पास आवश्यक संसाधनों की कमी थी। उन्होंने कहा कि यहां तो स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है, क्योंकि मरीजों को दूर से देखकर ही दवाई लिखी जा रही है। विशेष सचिव ने ओपीडी रूम में बेड, चादर व हाइट-वैट मापन यंत्र न दिखने पर भी चिंता जताई। जब उन्होंने डाक्टरों से इलाज, परामर्श और संसाधनों के बारे में सवाल किए, तो कोई भी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाया। इसके बाद उन्होंने कार्यवाहक सीएमएस को अव्यवस्था पर कड़ी चेतावनी दी।
...और जब डाक्टर व स्टाफ से यंत्र चलवाकर देखा डेमो
ओपीडी के बाद विशेष सचिव ने इमरजेंसी और आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में मरीजों का तत्काल इलाज करने के लिए कई यंत्रों को चलवाकर डेमो भी देखा। आपात स्थिति से निपटने के लिए आक्सीजन प्लांट भी चलवाया। आइसीयू वार्ड में डाॅ. असद महमूद ने उन्हें बारीकी से जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने अल्ट्रासाउंड लैब, एक्सरे रूम और महिला व प्रसूति विभाग का भी निरीक्षण किया। दोपहर चार बजे स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा बैठक की, जिसमें जेडी डाॅ. दिग्विजय, सीएमओ डाॅ. नरेन्द्र कुमार, डिविजनल पीएम अरविंद गोस्वामी, डीटीओ डाॅ. आरपी सिंह, डाॅ. संजीव सारस्वत, डिप्टी सीएमओ डाॅ. जैशलाल, डीपीएम मंजीत कुमार और डाॅ. एचएम लवानिया समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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