Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    सीएक्यूएम के आदेश पर बड़ा फैसला, ई-कॉमर्स डिलीवरी अब सिर्फ ईवी और सीएनजी से; 50 हजार वाहनों पाबंद

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 09:15 PM (IST)

    सीएक्यूएम के आदेश पर नोएडा में 1 जनवरी से ई-कॉमर्स और एग्रीगेटर सेवाओं के लिए पेट्रोल-डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगेगा। अब केवल इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, नोएडा। ई-काॅमर्स (ऑनलाइन आर्डर डिलीवरी) और एग्रीगेटर्स (फूड डिलीवरी, एप बेस्ड टैक्सी) में उपयोग हो रहे दो और चार पहिया पेट्रोल और डीजल वाहन का संचालन एक जनवरी से प्रतिबंधित रहेगा। कमीशन फाॅर एयर क्वालिटी माॅनीटरिंग (सीएक्यूएम) के आदेश पर यह व्यवस्था शुरू होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संचालन इलेक्ट्रिक और सीएनजी फ्यूल पर

    परिवहन विभाग के अधिकारियों ने ई-काॅमर्स और एग्रीगेटर्स कंपनियों के साथ बीते दिनों बैठक कर कमीशन के आदेश के बारे में अवगत कराया था। वर्तमान में शहर में 50 हजार से अधिक दो पहिया और तीन हजार से अधिक चार पहिया डीजल व पेट्रोल वाहनों का ई-काॅमर्स और एग्रीगेटर्स के रूप में उपयोग हो रहा है। ई-काॅमर्स और एग्रीगेटर्स 3.5 टन तक का वजन ढोने वाले ऐसे वाहनों का संचालन इलेक्ट्रिक और सीएनजी फ्यूल पर ही हो सकेगा।

    संचालन 20 हजार से अधिक हो रहा

    बता दें कि शहर में तीन हजार से अधिक दो पहिया वाणिज्यिक वाहन पंजीकृत हैं। 53 हजार से अधिक का संचालन वाणिज्यिक हो रहा है। वहीं, 17 हजार से अधिक चार पहिया सवारी और ई-काॅमर्स के लिए पंजीकृत हैं। इसके विपरीत संचालन 20 हजार से अधिक हो रहा है। कमीशन के आदेश पर एक जनवरी से कमीशन के आदेश के अनुपालन में सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहन ही पंजीकरण के बाद ई-काॅमर्स और एग्रीगेटर्स गतिविधियों के रूप में उपयोग हो सकेंगे।

    सख्त रुख अपनाने का फैसला किया

    शहर में परिवहन विभाग ने एग्रीगेटर कंपनियों जैसे ओला, उबर और अन्य एप आधारित परिवहन सेवाओं पर अब सख्त रुख अपनाने का फैसला किया है। इन कंपनियों से जुड़ी गाड़ियों के संचालन, सुरक्षा और नियमों को लेकर सरकार को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं। इन सेवाओं के लिए बनाई गई मौजूदा एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) और गाइडलाइन में बड़े बदलाव किए जाएंगे।

    नई और अपडेटेड गाइडलाइन तैयार करेंगे

    एग्रीगेटर कंपनियों के तहत चलने वाली फ्लीट यानी गाड़ियों पर निगरानी और नियंत्रण को और मजबूत किया जाएगा। अधिकारी का मानना है कि इन सेवाओं के तेजी से बढ़ने के कारण यात्रियों की सुरक्षा, ड्राइवरों के व्यवहार, किराए की पारदर्शिता और नियमों के पालन को लेकर कई नई चुनौतियां सामने आ चुकीं हैं। संबंधित विभाग अगले एक महीने के भीतर नई और अपडेटेड गाइडलाइन तैयार करेंगे।

    "यह व्यवस्था कमीशन के आदेश पर की जा रहीं हैं। ई-कामर्स और एग्रीगेटर्स कंपनी संचालक और प्रबंधन के साथ पूर्व में बैठक कर इस बारे में अवगत करा दिया गया है।"

    -नंद कुमार, एआटीओ प्रशासन, गौतमबुद्ध नगर

    यह भी पढ़ें- ग्रेटर नोएडा जिम्स में बड़ा विस्तार: AI पीजी कोर्स, रक्त मित्र ऐप और 200 शोध परियोजनाएं समेत बेड क्षमता की गई दोगुनी