सुरक्षा खामियों में उलझा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, BCAS की रिपोर्ट अटकी और एयरोड्रोम लाइसेंस भी अधर में
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन सुरक्षा खामियों के कारण टल गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनवरी में शुरुआत की संभावना जताई थी, लेकिन नागर व ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनवरी में इसके उद्घाटन की संभावना जताई है, लेकिन नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो बीसीएएस अभी तक नोएडा एयरपोर्ट के सुरक्षा इंतजामों से संतुष्ट नहीं है। तीन-चार बार एयरपोर्ट पर सुरक्षा मानकों की जांच बीसीएएस कर चुका है। फिर भी एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए उसने अपनी रिपोर्ट डीजीसीए नागर विमानन महानिदेशालय को नहीं सौंपी है।
अब तक करीब 25 खामियां सामने आई
बीसीएएस की जांच में एयरपोर्ट पर अभी तक करीब 25 खामियां सामने आई हैं। एनसीआर में दिल्ली के बाद दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू हाेने के लिए बेसब्री से इंतजार हो रहा है। दिसंबर में उद्घाटन की तैयारियों को देखते हुए यह इंतजार समाप्त होता नजर भी आ रहा था, लेकिन साल समाप्त होने को हैं, अभी तक एयरपोर्ट की सुरक्षा खामियां भी पूरी नहीं हो पाई हैं।
महज पांच किमी हिस्सा ही कंक्रीट का बनाया
एयरपोर्ट का सुरक्षा ऑडिट करने वाली एजेंसी बीसीएएस ने एयरसाइड की परिधि की सुरक्षा को लेकर ही सवाल खड़ा किया है। एयरसाइड की चार दीवारी कंक्रीट की बनी होना जरूरी है, लेकिन इसका महज पांच किमी हिस्सा ही कंक्रीट का बनाया गया है, शेष फेंसिंग कर दी गई है।
सुरक्षा दीवार भी नहीं बनाई
एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिहाज से ये काफी बड़ी खामी है। कंक्रीट की होने के साथ ही जमीन में कम से कम तीन फीट गहराई तक परिधि की दीवार होना जरूरी है ताकि कोई सुरंग आदि के जरिये भी एयरसाइड में प्रवेश न कर सकें। टर्मिनल बिल्डिंग में बाहरी लोगों और यात्रियों के बीच दूरी सुनिश्चित करने के लिए भी दीवार नहीं है।
छह हजार सीसीटीवी की जगह एक हजार ही लगे
जांच के बावजूद यात्रियों व बाहरी लोगों के आपस में मिलने की आशंका बनी हुई है। कंक्रीट के 14 टावर भी पूरी तरह से तैयार न होने, लाइट आदि की कमी है। परिसर में छह हजार सीसीटीवी कैमरों की जगह केवल एक हजार कैमरे लगे हैं। इसके अलावा एयरपोर्ट की चारदीवारी को फांदकर अनाधिकृत रूप प्रवेश रोकने के लिए पीआइडीएस प्रणाली भी प्रभावी नहीं हो पाई है। इसके अलावा एयरो ब्रिज काे लेकर भी बीसीएएस संतुष्ट नहीं है।
सीईओ का विदेशी नागरिक होना भी बड़ी अड़चन
बीसीएएस के सुरक्षा मानकों के मुताबिक एयरपोर्ट का संचालक कंपनी का सीईओ भारतीय होना चाहिए। विदेशी नागरिक होने के कारण उसे गृह मंत्रालय से अनापत्ति मिलना जरूरी है। नोएडा एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन स्विस नागरिक हैं। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी निकाेलस शेंक भी विदेशी नागरिक हैं।
एयरपोर्ट का सुरक्षा प्रमाणन मिलना संभव नहीं
अधिकारियों के अनुसार बीसीएएस के मानकों को पूरा करने के लिए उनका प्रकरण गृह मंत्रालय में प्रक्रिया में है। लेकिन स्वीकृति मिलने तक बीसीएएस से एयरपोर्ट का सुरक्षा प्रमाणन मिलना संभव नहीं है। वहीं बम निष्क्रिय उपकरण को लेकर भी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल संतुष्ट नहीं है। एयरपोर्ट के लिए जर्मनी से मंगाए गए बम निष्क्रिय उपकरण का उसने अभी तक प्रमाणन नहीं किया है। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि इसे कनाडा से मंगाया जा रहा है।
बीसीएएस की रिपोर्ट पर टिका एयरोड्रोम लाइसेंस
एयरपोर्ट संचालन के लिए डीजीसीए से एयरो ड्रोम लाइसेंस मिलना जरूरी है, यह लाइसेंस तभी जारी होगा, जब बीसीएएस अपनी रिपोर्ट डीजीसीए को सौंप देगा। इसलिए जनवरी में भी एयरपोर्ट के उद्घाटन की संभावनाएं कम ही हैं। उद्घाटन होने पर भी यात्रियों को विमान सेवा के लिए 45 दिन इंतजार करना ही पड़ेगा। हालांकि शुरुआत में दिन ही केवल घरेलू उड़ान सेवा शुरू होगी।

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