ग्रेटर नोएडा में यूपी ट्रेड शो की तैयारियां पूरीं, स्वदेशी के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री मोदी करेंगे शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी की स्वदेशी अपनाने की अपील को यूपी ट्रेड शो और मजबूत करेगा। ग्रेटर नोएडा में आयोजित शो में 2500 से अधिक प्रदर्शक भाग लेंगे जिनके उत्पादों में मिट्टी की खुशबू और पसीना होगा। पीएम मोदी ने निर्यात पर निर्भरता कम करने और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। उनका लोकल टू वोकल का नारा और आत्मनिर्भर भारत का विजन इसी दिशा में एक कदम है।

जागरण संवाददाता, नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वदेशी अपनाने की अपील 120 साल पहले गांधीजी के राष्ट्रवादी आंदोलन को फिलवक्त मौजू बनाती है। वर्तमान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ नीति स्वदेशी अपनाने की अपील को और धार दे रही है।
प्रधानमंत्री की स्वदेशी पहल का ग्रेटर नोएडा का यूपी ट्रेड शो साक्षी बनेगा। यहां से प्रधानमंत्री अमेरिका को कड़ा संदेश देंगे। देशवासियों को बताएंगे कि स्वतंत्रता को जैसे स्वदेशी के मंत्र से ताकत मिली थी। वैसे ही देश की समृद्धि को स्वदेशी के मंत्र से शक्ति मिलेगी।
प्रधानमंत्री साफ कह चुके हैं कि अगर देश की अर्थव्यस्था को आगे बढ़ाना है तो उसको निर्यात पर निर्भरता कम करनी होगी। इस वैश्विक प्रतिस्पर्द्धी माहौल में स्वदेशी पहल राह दिखाएगी। वह लगातार स्वदेशी अपनाने पर जोर दे रहे हैं।
उनका लोकल टू वोकल होने का आह्वान हो या फिर आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया की अपील हो। सभी के पीछे एक ही बात है। स्थानीय उत्पादों को अपनाना और भारत की तरक्की की राह तय करना।
इसी पहल और थीम को आत्मसात किए बृहस्पततिवार से ग्रेटर नोएडा के एक्सपो सेंटर में पांच दिवसीय यूपी ट्रेड शो शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यक्रम में पहुंचेंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रेड शो की तैयारियों का जायजा भी लिया।
वह स्वदेशी को अपनाने की पहल को एक और मजबूतर आधार देंगे। एक से बढ़कर एक स्वदेशी उपत्पाद बनाने वाले कारोबारियों के आत्मविश्वास को बढ़ाएंगे। देश के तैयार माल पर टैरिफ जैसी कड़ी शर्त लगाने वालों स्वदेशी ताकत का अहसास कराएंगे।
हर उत्पाद में होगी माटी की खुशबू और पसीना
यूपी ट्रेड शो में 2500 से ज्यादा प्रदर्शक होंगे। उनके हर उत्पाद में माटी की खुशबू होगी और उनकी हर सेवा में पसीना होगा। खुद प्रधानमंत्री की अपील के बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि देश के लोग पैसे से ज्यादा पसीने को वरीयता दे रहे हैं। आने वाले समय में आत्मनिर्भर होने पर हर प्रडोक्शन में यह दिखेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।