नोएडा के घर खरीदारों के लिए गुड न्यूज, अब मासिक किस्त होगी कम; RBI ने रेपो रेट में की कटौती
Noida Property Buyers आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है जिससे नोएडा के रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। होम लोन की ब्याज दरों में गिरावट आएगी और मासिक ईएमआई कम हो जाएगी। इससे करीब तीन लाख घर खरीदारों को फायदा होगा। इस लेख के माध्यम से पूरी खबर को डिटेल में पढ़िए।

जागरण संवाददाता, नाेएडा। आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति का रुख भी ''न्यूट्रल'' से बदलकर ''अकोमोडेटिव'' कर दिया है, जिसका मतलब है कि भविष्य में और भी रेपो रेट में कटौती की संभावना है। एनसीआर के रियल एस्टेट सेक्टर को इससे बड़ा फायदा होने की उम्मीद। जिसका सेक्टर की ओर से गर्म जोशी के साथ स्वागत किया जा रहा है।
बता दें कि बुधवार को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी है। अब रेपो रेट 6.25 प्रतिशत से घटकर छह प्रतिशत हो गया है। इससे होम लोन की ब्याज दरों में गिरावट आएगी और मासिक ईएमआई कम हो जाएगी। इससे करीब तीन लाख घर खरीदारों को बड़ा फायदा शहर में मिलेगा।
रेपो रेट 6.50 प्रतिशत से घटकर 6 प्रतिशत पर आया
क्रेडाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश सचिव दिनेश गुप्ता ने बताया कि आरबीआइ ने काफी समय बाद रेपो रेट में दो बार लगातार 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। 2025 की शुरुआत में ही रेपो रेट 6.50 प्रतिशत से 6 प्रतिशत पर आ गया है।
यह रियल सेक्टर के लिए आदर्श स्थिति है क्योंकि खरीदार होम लोन दरों में कमी का इंतजार कर रहे थे। अब समय आ गया है कि बैंक ब्याज दर कम कर ग्राहकों को जल्द से जल्द राहत दे।
इससे बैंक की ब्याज दरों में भी कमी आएगी और घर खरीदारों की मौजूद ईएमआइ में कमी होने के साथ नए लोगों को मिलने वाला लोन कम दरों पर मिल सकेगा।
रेपो रेट में और भी हो सकती है कटौती
काउंटी ग्रुप निर्देशक अमित मोदी ने बताया कि रेपो रेट में कटौती अच्छी खबर है, लेकिन उससे भी ज्यादा बड़ी बात यह है कि आरबीआई ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए ''न्यूट्रल'' से ''सपोर्टिव'' रुख अपना लिया है। इससे पहले फरवरी में 5 सालों में पहली बार कटौती हुई थी।
अब तक 80 अरब डॉलर से ज़्यादा की लिक्विडिटी बाजार में आ चुकी है। इसके साथ ही महंगाई को लेकर चिंता कम हुई है, तेल के दाम भी घटे हैं। यह सब मिलकर उपभोक्ता खर्च को बढ़ाएंगे, विकास को तेज़ी देंगे और रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलेगी। हमें उम्मीद है कि अगली एमपीसी मीटिंग में रेपो रेट में और भी कटौती की जा सकती है।
आरबीआई अर्थव्यवस्था में ज्यादा डालेगा पैसा
क्रेडाई नेशनल चेयरमैन मनोज गौड़ ने बताया कि ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती का रियल एस्टेट सेक्टर पर अच्छा असर पड़ेगा। इस फैसले के पीछे महंगाई में कमी और अमेरिका की टैक्स नीति की वजह से बढ़ते ग्लोबल ट्रेड के मुद्दे अहम वजह हैं।
इस बार की एमपीसी बैठक की एक और खास बात यह रही कि आरबीआई ने अपनी नीति को ''न्यूट्रल'' से बदलकर ''अकोमोडेटिव'' बना दिया है। इसका मतलब है कि अब आरबीआई अर्थव्यवस्था में ज्यादा पैसा डालेगा।
फ्लोटिंग रेट लोन वालों को फायदा, लेकिन थोड़ा इंतजार करना होगा
इस कटौती से उन्हें ज्यादा फायदा होगा, जिन्होंने फ्लोटिंग-रेट पर होम लोन लिया है। फ्लोटिंग-रेट वाले लोन सीधे तौर पर रेपो रेट से जुड़े होते हैं। जब रेपो रेट में बदलाव होता है, तो बैंक भी फ्लोटिंग-रेट लोन की ब्याज दरों में बदलाव करते हैं।
ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बैंक जल्द ही इस कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएंगे। हालांकि, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह राहत तुरंत नहीं मिलेगी और इसमें थोड़ा समय लग सकता है।
इस प्रकार ईएमआई पर दिखेगा अंतर
मान लीजिए किसी व्यक्ति ने 50 लाख का होम लोन 20 साल की अवधि के लिए 9 प्रतिशत ब्याज दर पर लिया है, तो उसकी मासिक ईएमआइ करीब 44,986 रुपये बनती है लेकिन अब ब्याज दर 0.25 प्रतिशत घटने से यह 8.75 प्रतिशत हो जाएगी, ईएमआइ घटकर 44,189 रह जाएगी।
हर माह 797 की सीधी बचत होगी, सालाना बचत 9,564 रुपये, पूरे लोन की अवधि में बचत 1.9 लाख रुपये से भी ज्यादा होगी। यदि घर खरीदार की ओर से 80 लाख रुपये का होम लोन 8.25 प्रतिशत के ब्याज दर पर 20 वर्षों के लिए लिया जा रहा है तो उसकी मासिक ईएमआई रुपये 68,125 प्रति माह आएगी।
पर रेपो रेट कट के बाद यही ब्याज दर 8 प्रतिशत हो जाएगी जिससे उसी निश्चित समय के लिए मासिक ईएमआइ रुपये 66,915 पर आ जाएगी। इससे घर खरीदार प्रति मात रुपये 1,250 की बचत कर सकेगा जो 20 वर्षों में लगभग रुपये 3 लाख की बचत कर सकता है।
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