Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Twin Tower Demolition: ताश के पत्तों को तरह ढह जाएंगे सुपरटेक ट्विन टावर, जानें किस तकनीक का होगा प्रयोग?

    By GeetarjunEdited By:
    Updated: Sun, 28 Aug 2022 07:02 AM (IST)

    Supertech Twin Tower Blast Time नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावरों को गिराने में अब कुछ घंटों का ही समय बचा है। शनिवार को एपेक्स और सियान में ब्लास्ट होने और अन्य व्यवस्थाओं की अंतिम जांच जारी है।

    Hero Image
    ताश के पत्तों को तरह ढह जाएंगे सुपरटेक टावर, आखिर किस तकनीक का होगा प्रयोग?

    नोएडा, एजेंसी। Noida Supertech Twin Tower Demolition  नोएडा के सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावरों को गिराने में अब कुछ घंटों का ही समय बचा है। शनिवार को एपेक्स और सियान में ब्लास्ट होने और अन्य व्यवस्थाओं की अंतिम जांच जारी है। बिल्डिंग को गिराने के लिए ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जिससे दोनों इमारतें ताश के पत्ते की तरह ढह जाएंगीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, विस्फोटकों को पिलर के छेदों में डालने और उसको आपस में तार से जोड़ने का काम पूरा हो गया है। अभी सिर्फ दोनों बिल्डिंग को आपस में जोड़ने का काम बचा है। जिसमें 100 मीटर लंबी केबल लगाकर उन्हें विस्फोटकों और बटन से जोड़ा जा सके।

    ये भी पढ़ें- Supertech Twin Tower Demolition: बारूद में कैसे दौड़ेगा करंट, सुपरटेक टावर में पहला धमाका कहां और कैसे होगा?

    ये तकनीक होगी प्रयोग

    ट्विन टावरों को गिराने का काम वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक (Waterfall Implosion Technique) के जरिए किया जाएगा, जो उन्हें ताश के पत्तों की तरह कुछ ही सेकंड में नीचे गिरा देगा। बिल्डिंग से निकलने वाला मलबा 55,000 से लेकर 80,000 टन तक हो सकता है। इसे साफ करने में करीब तीन महीने का समय लगेगा।

    ये भी पढ़ें- Noida Twin Tower Demolition: सुपरटेक टावर के आसपास एक नॉटिकल मील तक बंद रहेगा एयर स्पेस, जानिए पूरे दिशानिर्देश

    क्या होती है वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक?

    वाटरफॉल तकनीक का मतलब है कि मलबा पानी की तरह गिरेगा। यह तकनीक शहरों में इमारतों को ध्वस्त करने के काम आती है, जिसमें नियंत्रित विस्फोटों की आवश्यकता होती है। अगर ऐसा नहीं होगा तो एक विस्फोट में मलबा दूर-दूर तक फैल जाएगा, जो बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।

    विस्फोटक टीम के एक इंजीनियर ने बताया कि गुरुत्वाकर्षण कभी नहीं सोता है। यह पूरे दिन और पूरी रात काम करता है। विस्फोट होने के बाद इमारत अपने आप गिर जाती है। यह तकनीक गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांतों पर आधारित होती है। यह बिल्डिंग के आधार को इस तरह से हटा देगा कि गुरुत्वाकर्षण का केंद्र मिलीमीटर से शिफ्ट हो जाए, जिससे बिल्डिंग नीचे आ जाए।

    ये भी पढ़ें- Supertech Twin Tower: सुपरटेक टावर में ब्लास्ट के दिन ट्रैफिक रूट में बदलाव, दिल्ली-NCR वाले जान लें प्लान, नहीं तो होगी परेशानी

    सोसायटी से सभी लोग, वाहन और पालतू जानवर होंगे शिफ्ट

    सुपरटेक के बराबर में मौजूद एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसायटी में रहने वाले लगभग 5000 लोगों को घर से निकाला जाएगा। उन्हें कहीं और शिफ्ट किया जाएगा। सोसायटी के लोग अपने 3,000 वाहनों, 150-200 पालतू जानवरों को भी ले जाएंगे।

    एडिफिस इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने कहा एक बार जब टीमें दोनों बिल्डिंग से उतर जाएंगीं तो 100 मीटर का केबल बिल्डिंग में लगाया जाएगा, जिससे एपेक्स और सियान (Apex and Ceyane) आपस में जुड़ जाएंगे।

    उन्होंने कहा जब एक बार पुलिस विभाग से मंजूरी मिल जाएगी और पता चल जाएगा कि बिल्डिंग के आसपास का एरिया 100 प्रतिशत सुरक्षित है, तो दोपहर ढाई बजे यानी 2:30 बजे विस्फोटक का बटन दबा देंगे।

    • डीसीपी ट्रैफिक गणेश साहा ने बताया कि रविवार को नोएडा के सेक्टर 93ए में ट्विन टावरों की ओर जाने वाली सड़कों पर डायवर्जन लगाया जाएगा। वहीं, बिल्डिंग से 200 मीटर की दूरी पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर दोपहर 2 बजे से 3 बजे तक वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहेगी।
    • रविवार को गूगल मैप्स में डायवर्जन और रीयल-टाइम ट्रैफिक स्थितियों के लिए अपडेट फीड होंगे। उन्होंने कहा कि आपातकालीन वाहनों की आवाजाही के लिए व्यवस्था की गई है।
    • डीसीपी (सेंट्रल नोएडा) राजेश एस ने कहा कि कानून और व्यवस्था की ड्यूटी के लिए लगभग 400 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा, जबकि पीएसी और एनडीआरएफ के जवान भी किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए मैदान पर होंगे।
    • मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों और दवाओं से लैस छह एंबुलेंस साइट पर तैनात करेगा।
    • वहीं, जिला अस्पताल, निजी अस्पतालों के साथ फेलिक्स और जेपी अस्पताल में किसी भी सूरत में इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए बेड आरक्षित किए गए हैं।
    • नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि विस्फोट के बाद आसपास के इलाके से धूल को हटाने के लिए इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों के अलावा, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन, एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर भी साइट पर लगाए जाएंगे।

    comedy show banner
    comedy show banner