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    फर्जी शिकायतें कर करोड़ों की रंगदारी का खेल उजागर, बिल्डर्स को निशाना बना रहा था गिरोह, तीन गिरफ्तार

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 01:40 AM (IST)

    एसटीएफ नोएडा ने दिल्ली एनसीआर में उद्योगपतियों और बिल्डरों को झूठी शिकायतों में फंसाकर रंगदारी वसूलने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपियों के पास से मोबाइल फोन और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। गिरोह खबरों को दबाने के लिए 15 करोड़ तक की रंगदारी मांगता था। पूछताछ में जुर्म कबूलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

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    उद्योगपतियों और बिल्डर्स से रंगदारी वसूलने वाले गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। दिल्ली एनसीआर के उद्योगपतियों और बिल्डर्स को झूठी शिकायतों में फंसाकर रंगदारी वसूलने वाले गिरोह का एसटीएफ नोएडा की यूनिट ने पर्दाफाश किया है। गिरोह के कब्जे से मोबाइल फोन, नगदी, फर्जी आधार कार्ड और डाक रसीदें बरामद हुई हैं। तीनों आरोपितों को सूरजपुर कोतवाली में पूछताछ के लिए बुलाया गया। यहां जुर्म कुबूल करने पर गिरफ्तार कर गाजियाबाद के इंदिरापुरम कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया है।

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    विभिन्न विभागों में झूठी शिकायतें 

    एसटीएफ नोएडा यूनिट के अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान अंकुर गुप्ता निवासी 49 ब्रजमोहन लेन, दरियागंज, दिल्ली, हरनाम धवन और नरेंद्र धवन निवासी एल 233 शास्त्री नगर, थाना सरोय रोहिला दिल्ली के रूप में हुई है। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि गिरोह गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के उद्यमियों और बिल्डरों के खिलाफ विभिन्न विभागों में झूठी शिकायतें करता है।

    जुर्म कबूलने पर गिरफ्तार किया

    खबरें नहीं प्रकाशित हों, इसके लिए रंगदारी वसूली जाती है। एनसीआर के एक बिल्डर के खिलाफ झूठी शिकायत की और मामला मीडिया में नहीं आए, इसके लिए 15 करोड़ की रंगदारी मांगी। बिल्डर के इतनी मोटी रकम दे पाने में असमर्थता जताने पर मांग पांच करोड़ कर दी गई। परेशान बिल्डर ने कुछ रकम दे दी। बाकी रकम के लिए बिल्डर पर आरोपित दबाव बना रहे थे। एसटीएफ की टीम ने बिल्डर से संपर्क कर सूचना की पुष्टि कर साक्ष्य जुटाए। आरोपितों को मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया और जुर्म कबूलने पर गिरफ्तार किया।

    तथाकथित पत्रकारों के साथ बनाते थे दबाव

    आरोपित अंकुर गुप्ता ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। उसकी दिल्ली दरियागंज में कपड़े की दुकान थी। बैंक का लाखों का लोन है। बैंक द्वारा वसूली के दबाव और किस्तें अदा न कर पाने के कारण उसने शिकायत कर रंगदारी वसूलनी शुरू कर दी। आरोपित ने अपने साथ हरनाम धवन और नरेंद्र धवन को शामिल किया। ये लोग दिल्ली अपडेट्स नाम से यूट्यूब चैनल चलाते थे और लोकल के अखबार में भी खबरें छपवाते थे। बिल्डर्स व उद्योगपतियों की छवि धूमिल करने वाली खबरें डालकर यह गिरोह वसूली करता था।

    कई प्रोजेक्ट को निशाना बनाया

    एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया गिरोह ने दिल्ली के करोल बाग में यूनिट समूह के दि अमैरिलिस प्रोजेक्ट, गाजियाबाद के इंदिरापुरम में शिप्रा, साया बिल्डर (इंदिरापुरम), इंदिरापुरम के ही हारमनी बिल्डर, छपरौली ग्रेटर नोएडा के केशवकुंज समेत कई प्रोजेक्टों को टारगेट बनाया।

    अधिकारियों से करते थे झूठी शिकायतें

    उद्योगपतियों और बिल्डर्स के खिलाफ आरोपित जीएसटी, सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग समेत कई एजेंसियों में झूठी शिकायतें करते थे। जांच में सामने आया कि आरोपित हरनाम धवन वर्ष 2021 में वसंत कुंज, दिल्ली में दर्ज दुष्कर्म के मामले में जेल जा चुका है।

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