ग्रेटर नोएडा में 37.5 एकड़ की परियोजना को पुनर्जीवित करने का प्रयास, अर्थ टाइटेनियम परियोजना पर दारोमदार
ग्रेटर नोएडा में यूटीसीए के दस वर्षों के प्रयास से अर्थ टाइटेनियम के खरीदारों को नई उम्मीद मिली है। यूटीसीए स्प्लेंडर ग्रुप से इस परियोजना को पूरा कराएगी जिसमें यासा ग्रुप सलाहकार है। 2018 में यूटीसीए की स्थापना हुई तबसे खरीदारों के अधिकारों के लिए काम कर रही है। स्प्लेंडर ग्रुप और ग्रेनो प्राधिकरण के साथ मिलकर यूटीसीए ने इस रुकी हुई परियोजना को पूरा करने का बीड़ा उठाया है।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यूनिफाइड टाइटेनियम काॅमन एसोसिएशन (यूटीसीए) के 10 वर्ष के निरंतर प्रयास और संघर्ष से अर्थ टाइटेनियम के खरीदारों को उम्मीद की नई किरण मिली है। इस परियोजना को यूटीसीए, स्प्लेंडर ग्रुप से पूरा कराएगी। यासा ग्रुप को सलाहकार नियुक्त किया गया है। करीब एक हजार लोगों को अपने आशियाने मिल सकेंगे।
2018 में यूटीसीए की स्थापना की
एकजुट हुए खरीदारों ने 2018 में यूटीसीए की स्थापना की थी और तब से यूटीसीए के बैनर तले सभी अर्थ टाइटेनियम खरीदारों के अधिकारों की रक्षा के लिए लगातार काम कर रहे हैं। इसके संस्थापक अरविंद कुमार अवस्थी, स्व. वैभव कुमार सक्सेना, अंकुर सारस्वत और शशांक राघव थे। शशांक राघव ने बताया कि संयुक्त सार्वजनिक-निजी पहल के तहत, यूटीसीए, स्प्लेंडर ग्रुप, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यासा समूह ने एक दशक पुराने और रुके हुए इस असफल परियोजना के तमाम गतिरोध को हटा पूरे एनसीआर क्षेत्र के लिए उल्लेखनीय उदाहरण पेश किया है।
कर्तव्यनिष्ठा का अभूतपूर्व उदाहरण
यूटीसीए, स्प्लेंडर ग्रुप और ग्रेनो प्राधिकरण की प्राधिकरण कार्यालय में हुई सामूहिक बैठक में प्राधिकरण एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव ने कहा कि प्राधिकरण के पास लोग हल मांगने तो आते हैं पर सही सुझाव और हल लेकर कोई नहीं आता। यूटीसीए ने स्प्लेंडर ग्रुप के साथ समझौता कर परियोजना के प्रति अपनी गंभीरता और खरीदारों के प्रति अपनी कर्तव्यनिष्ठा का अभूतपूर्व उदाहरण दिया है। एसीईओ ने सभी खरीदारों को भरोसा दिलाया कि प्राधिकरण टाइटेनियम खरीदारों को न्याय दिलाने के लिए हर कदम उनके साथ है।
बकायेदारों का निपटारा किया जाएगा
परियोजनाओं के पुनरुद्धार में तेजी लाने और शुल्क विलय में सहयोग कर रहे हैं, ताकि न केवल खरीदारों को राहत मिले बल्कि प्राधिकरण की बकाया राशि रिकवर की जाए। स्प्लेंडर ग्रुप के निदेशक बीनू सहगल ने कहा कि स्प्लेंडर को अर्थ टाइटेनियम को पुनर्जीवित करने के लिए चुने जाने पर गर्व है।
ग्रेनो प्राधिकरण को दिया गया औपचारिक हलफनामा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एनसीएलटी की मंजूरी के बाद सभी बकायेदारों का निपटारा किया जाएगा। यूटीसीए के अध्यक्ष अरविंद कुमार अवस्थी ने कहा कि लगभग एक दशक से भी ज्यादा समय से लड़ रहे हैं।
प्रयास एक आदर्श माॅडल बनकर उभरे
आखिरकार हमें अपना हक मिल रहा है। यासा ग्रुप के सहसंस्थापक पीयूष पुष्पक ने कहा कि उम्मीद है कि यह प्रयास एक आदर्श माॅडल बनकर उभरे ताकि देश भर के रुकी हुई परियोजना और वहां फंसे घर खरीदारों अपने आशियाने को पाने का सपना सच कर सके। पीयूष पुष्पक ने बताया कि परियोजना एनसीएलटी में है, जोकि लगभग निस्तारित हो चुका है।
500 करोड़ रुपये खरादारों से जुटाए
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को आश्वस्त किया है कि परियोजना का जितना भी बकाया है उसे जमा किया जाएगा। लोगों को जल्द अपना आशियाना मिलेगा। बता दें कि वर्ष 2012 में अर्थ आइकोनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर्स को एक एक लाख वर्गमीटर जमीन आवंटित हुई थी। बिल्डर को 10 वर्ष में परियोजना विकसित करना था। बिल्डर ने करीब 500 करोड़ रुपये खरादारों से जुटाए, लेकिन परियोजना पूरी नहीं की।
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