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    अब डॉग फीडर्स नहीं होंगे परेशान, नोएडा में आवारा कुत्तों के लिए बनाए जाएंगे 1500 फीडिंग प्वाइंट्स

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 10:29 AM (IST)

    नोएडा में सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आवारा कुत्तों के लिए 1500 फीडिंग प्वाइंट्स बनाए जाएंगे। जनस्वास्थ्य विभाग आरडब्ल्यूए और एओए मिलकर ये निर्माण कार्य करा रहे हैं जिस पर लगभग तीन करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इन फीडिंग प्वॉइंट्स से आवारा कुत्तों को समय पर भोजन मिलेगा और रिहायशी इलाकों में घूमने की समस्या कम होगी। प्राधिकरण ने निवासियों से सहयोग करने की अपील की है।

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    आवारा कुत्तों के लिए तीन करोड़ खर्च कर बनेंगे 1500 फीडिंग प्वाइंट्स।

    जागरण संवाददाता, नोएडा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर शहर भर में आवारा कुत्तों के लिए 1500 फीडिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे। अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) व रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) का सहयोग लेकर नोएडा प्राधिकरण जन स्वास्थ्य विभाग ने सोसायटी व सेक्टरों के अंदर व बाहर निर्माण शुरू करवा दिया है।

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    इस परियोजना पर करीब तीन करोड़ रुपये का खर्च किया जा रहा है। बता दें कि प्राधिकरण की ओर से तीन बाई तीन का एरिया लेकर डाॅग फीडिंग प्वाइंट का निर्माण कराया जा रहा है।

    इस जगह को बनाने के लिए अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एओए) व रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) के साथ जन स्वास्थ्य विभाग प्रथम व द्वितीय की टीम मौका मुआयना करती है।

    इसके बाद सर्वे कर जगह चिह्नित की जाती है। पक्की जगह मिलने पर छह इंच ऊंचा चबूतरा तैयार किया जा रहा है। इससे वर्षा के दौरान फीडिंग प्वाइंट को जल भराव से बचाया जा सके। इसके बाद फीडिंग प्वाइंट का फेंसिंग से कवर कराया जा रहा है।

    जहां पर डाॅग लवर्स आकर अपना पाॅट लाकर आवारा कुत्तों को भोजन करवा सकें। इससे न केवल आवारा कुत्तों को समय से भोजन मिलेगा, बल्कि आवासीय इलाकों में उनके इधर-उधर घूमने और झुंड में इकट्ठा होने की समस्या भी कम होगी।

    डाॅग फीडिंग प्वाइंट के देखरेख की जिम्मेदारी एओए, आरडब्ल्यूए और स्थानीय निवासियों की होगी। प्राधिकरण केवल निर्माण और शुरुआती व्यवस्था करेगा। बाद में वहां साफ-सफाई, भोजन की व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखना एओए, आरडब्ल्यूए की भागीदारी से सुनिश्चित किया जाएगा।

    नोएडा प्राधिकरण ने अपील की है कि निवासी इस योजना में सहयोग करें। तय स्थानों पर ही कुत्तों को भोजन दें। इससे विवाद की स्थिति नहीं बनेगी और शहर में स्वच्छता भी बनी रहेगी।

    जरूरत पड़ने पर औद्योगिक सेक्टरों में भी ऐसे डाॅग फीडिंग प्वाइंट बनाए जा सकते हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से शहरवासियों और पशु दोनों के लिए संतुलित और सुरक्षित वातावरण तैयार होगा।

    आदेश के बाद बदला नियम

    प्राधिकरण ने डाॅग पालिसी बनाई है। इसके तहत पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है। अब तक 8900 कुत्तों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।

    काटने वाले कुत्तों को लेकर अभी तक दो शेल्टर होम में कुत्तों का टीकाकरण करने के बाद एनजीओ के माध्यम से 15 दिन का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।

    सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन के हिसाब से अब नियमों में बदलाव किया गया है। काटने वाले व बीमार कुत्तों को सेक्टर-94 स्थित एनीमल शेल्टर में रखा जा रहा है।

    कटाने वाले कुत्तों का आंकड़ा 

    महीना आवारा कुत्ते पालतू कुत्ते
    जनवरी 9383 3124
    फरवरी 10175 4662
    मार्च 11599 2463
    अप्रैल 10925 3267
    मई 10632 2958
    जून 10646 2815
    जुलाई 10394 5567

    (नोट: आंकड़ा जिला प्रशासन की ओर से जुलाई तक ही तैयार किया गया है।)

    परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है। कुछ जगहों पर जगह मिलने पर काम पूरा कर लिया गया है। कुछ जगहों को चिह्नित करने काम जारी है।

    -एसपी सिंह, महाप्रबंधक जन स्वास्थ्य, नोएडा प्राधिकरण।

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