फरिश्ता बन नोएडा पुलिस ने डेढ़ महीने में बचाई आठ जिंदगी, सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखते ही पहुंची खाकी
ग्रेटर नोएडा में सोशल मीडिया पर आत्महत्या के प्रयासों को रोकने में पुलिस और मेटा की सतर्कता महत्वपूर्ण साबित हुई है। पिछले डेढ़ महीने में आठ लोगों को आत्महत्या करने से बचाया गया है जिनमें सूरजपुर का एक मामला भी शामिल है जहां एक डॉक्टर को बच्चों सहित बचाया गया। अन्य घटनाओं में घरेलू कलह और दुर्घटनाओं से जुड़े मामले शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। एकांत में आत्महत्या करने के बजाय अब लोग सोशल मीडिया पर लाइव आकर या पोस्ट कर आत्महत्या कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट की स्क्रीनिंग करने में मेटा की सजगता और पुलिस की तत्परता से पिछले डेढ़ महीने में आत्महत्या की दहलीज पर खड़े आठ लोगों की जान बचाई है। इन परिवाराें के लिए खाकी फरिश्ता बनकर पहुंची और परिवारों को एक भयावह हादसे से गुजरने से बचा लिया।
पोस्ट लिखते ही पहुंची खाकी
ताजा मामला सूरजपुर कोतवाली का है। जहां एक चिकित्सक 12 सितंबर को दो बच्चों संग फंदे पर झूलने की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने न केवल 10 मिनट के अंतराल में पहुंचकर चिकित्सक की जान बचा ली बल्कि दो बच्चों को भी काल के मुंह का ग्रास बनने से बचा लिया। चिकित्सक की काउंसलिंग के बाद पता चला कि उसका पत्नी से विवाद चल रहा था।
पुलिस की सूझबूझ से इनकी भी बची जान
- 21 अगस्त : दादरी कोतवाली पुलिस ने गृह कलेश में आत्महत्या करने चले व्यक्ति की रेलवे ट्रैक से उठाकर जान बचाई।
- दो अगस्त : बादलपुर कोतवाली पुलिस ने गिरधरपुर रोड छपरौला में फ्लैट का दरवाजा ताेड़कर फांसी के फंदे पर लटके युवक की जान बचाई
- 30 अगस्त : सूरजपुर एलजी चौक पर सड़क दुर्घटना की सूचना प्राप्त हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने देखा दो ट्रक आपस में टकरा गए थे। जिसमें एक व्यक्ति फंसा हुआ था। पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद निकाला और अस्पताल भर्ती कराया।समय पर उपचार मिलने पर उसकी जान बच गई।
- 18 सितंबर : इलेक्ट्रिक सिटी मेट्रो स्टेशन पर एक महिला मिर्गी के दौरे के कारण बेहोश हो गई। पीआरवी कर्मियों ने महिला को महिला गार्ड की मदद से मेट्रो स्टेशन से नीचे उतारा और एम्बुलेंस के माध्यम से सरकारी अस्पताल भेजा।
- 21 सितंबर : नोएडा सेक्टर 62 स्थित डीपार्क में एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खा लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे तत्काल अस्पताल भर्ती कराया। जहां समय पर उपचार मिलने से उसकी जान बच गई।
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