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    Greater Noida: एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश, नेपाली प्रमाण पत्र और 55 लाख की चरस बरामद; महिला समेत तीन गिरफ्तार

    Updated: Fri, 24 Jan 2025 03:34 PM (IST)

    ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एएनटीएफ मेरठ की टीम के साथ मिलकर एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने एक महिला समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से पांच किलो 500 ग्राम अवैध चरस बरामद की गई है। आधार कार्ड व एक नेपाली नागरिकता प्रमाण पत्र समेत अन्य सामान बरामद हुआ। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

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    ग्रेटर नोएडा पुलिस ने एक गिरोह का खुलासा किया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। नेपाल और उत्तराखंड से तस्करी कर लाई चरस दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व एनसीआर क्षेत्र में बिक्री करने वाले नेपाली बुआ व भतीजा समेत तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बीटा दो कोतवाली पुलिस और मेरठ की एएनटीएफ की संयुक्त टीम को यह सफलता मिली है।

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    यमुना एक्सप्रेसवे के पास से किया गया गिरफ्तार 

    पुलिस आरोपितों पर केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है।कोतवाली प्रभारी विद्युत गोयल ने बताया कि आरोपितों को बृहस्पतिवार को जीरो प्वाइंट यमुना एक्सप्रेसवे के पास से गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से 5 किलो 500 ग्राम चरस, तीन एंड्रायड मोबाइल फोन, एक आधार कार्ड, एक नेपाली नागरिकता प्रमाण पत्र और 2000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

    भाकसु नेपाल से लेकर आता था चरस 

    अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद चरस की कीमत करीब 55 लाख रुपये आंकी गई है। गिरोह का सरगना भाकसु कामी उर्फ बागसुर कामी निवासी नेपाल है। भाकसु नेपाल से चरस लेकर आता था। जिसे साथियों के माध्यम से घूमकर बेचता था। धीरज सिंह सामन्त और उसकी बुआ तुलसी देवी भी गिरोह के सदस्य हैं।

    मादक पदार्थों की तस्करी करने का केस दर्ज

    पुलिस के अनुसार, तस्करी कर लाई गई चरस आरोपित दिल्ली, हरियाणा, हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली और एनसीआर के विभिन्न क्षेत्र में फुटकर बेचते थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि तुलसी देवी के खिलाफ मुजफ्फरनगर के छपार थाने में मादक पदार्थों की तस्करी करने का केस दर्ज है।

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    पुलिस से बचने को मोबाइल रखते थे बंद

    कोतवाली प्रभारी के मुताबिक, गिरोह के सदस्य काफी शातिर हैं। ग्राहकों के हाथ चरस बिक्री करने के लिए आरोपित मोबाइल फोन पर मिलने का स्थान जैसे हाईवे या अन्य ऐसे ही स्थान तय कर लेते थे।

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    इसके बाद ग्राहक तक चरस पहुंचाने तक आरोपित पुलिस से बचने के लिए अपने-अपने मोबाइल बंद रखते थे। इसके अलावा एक स्थान पर नहीं रुकते थे, बल्कि घूमकर अलग-अलग स्थानों पर फुटकर में चरस बिक्री करते थे।

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