Jewar Airport: नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण का निर्माण जल्द शुरू; 1365 हेक्टेयर जमीन देने के लिए किसान तैयार
Jewar Noida Airport नए भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए प्रभावित होने वाले 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी है। 7164 किसानों में से करीब 80 प्रतिशत ने अपनी मंजूरी दे दी है।

नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। Jewar Noida Airport: जेवर में बन रहे दुनिया के चौथा सबसे बड़े एयरपोर्ट (क्षेत्रफल के हिसाब से) के दूसरे चरण के निर्माण के लिए मार्ग पूरी तरह से प्रशस्त हो गया है। इससे नोएडा एयरपोर्ट पर देश के सबसे बड़े मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग (एमआरओ) के निर्माण का रास्ता भी साफ हो गया है। पहले चरण के निर्माण लिए 1334 हेक्टेयर भूमि पूर्व में मिल चुकी है। इस पर निर्माण कार्य शुरू है।
7164 किसानों में से करीब 80 प्रतिशत ने अपनी मंजूरी दी थी
दूसरे चरण के निर्माण के लिए भूमि न मिलने का अड़ंगा लगा था, पर उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से छह गांवों के किसान अपनी 1365 हेक्टेयर भूमि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) देने को तैयार हो गए हैं। नए भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से किसी भी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए प्रभावित होने वाले 70 प्रतिशत किसानों की सहमति जरूरी है। 7164 किसानों में से करीब 80 प्रतिशत ने अपनी मंजूरी दे दी है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (नियाल) के पास अब 2699 हेक्टेयर भूमि हो जाएगी।
एयरपोर्ट के लिए 6200 हेक्टेयर भूमि आरक्षित
एयरपोर्ट के लिए कुल 6200 हेक्टेयर भूमि आरक्षित है। क्षेत्रफल के मामले में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनना है। इससे पहले किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट सऊदी अरब, डेनवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट व डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट अमेरिका आदि तीन एयरपोर्ट ही क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़े हवाई अड्डों में शुमार थे। हालांकि, रनवे के मामले में दूसरे अन्य एयरपोर्ट बड़े हैं।उल्लेखनीय है कि जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण अलग-अलग चरणों में पूरा होगा।
2024 में पूरा हो होगा एक रनवे का निर्माण
कुल पांच रनवे बनने हैं। पहले चरण के लिए 1334 हेक्टेयर भूमि पर दो रनवे का निर्माण कार्य शुरू है। पहले फेज का निर्माण भी चार भागों में होगा। एक रनवे का निर्माण कार्य 2024 में पूरा हो जाएगा। इस पर करीब 5700 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एयरपोर्ट के चालू होने पर शुरुआती दौर में सालाना एक करोड़ 20 लाख यात्री सफर करेंगे। संख्या बढ़ने पर दूसरे चरण में एक और रनवे का निर्माण होगा। बाकी दो और रनवे का निर्माण अगले चरणों में होगा। चारों चरण पूरे होने पर एयरपोर्ट से सालाना करीब सात करोड़ यात्री सफर करेंगे।
परियोजना पर कुल 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान
परियोजना पर कुल 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान हैं। बाक्स दूसरे चरण की जमीन पर बनेगा एक रनवे व एमआरओ एयरपोर्ट के निर्माण के लिए दूसरे चरण में जिस भूमि को लिया जा रहा है, उस पर एक रनवे व एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहालिंग (एमआरओ) का केंद्र बनेगा। देश के 85 प्रतिशत हवाई जहाज मेंटेनेंस रिपेयर, ओवरहालिंग के लिए विदेश जाते हैं। इस पर सालाना 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होते हैं। यह रकम विदेश चली जाती है।
भारत दुनिया के बड़े एयरपोर्ट की सूची में चौथे स्थान पर होगा
नोएडा एयरपोर्ट एमआरओ का बड़ा केंद्र बनने से विदेश जाने वाली मुद्रा की बचत होगी और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।बाक्सबड़े हवाई अड्डों में क्षेत्रफल की दृष्टि से होगा चौथे नंबर पर भारत दुनिया के बड़े एयरपोर्ट की सूची में चौथे स्थान पर पहुंच जाएगा। क्षेत्रफल के आधार पर दुनिया के मौजूदा पांच सबसे बड़े एयरपोर्ट में सऊदी अरब का किंग फहद इंटरनेशनल एयरपोर्ट 77,600 हे, अमेरिका का डेनवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट 13,571 हे. और अमेरिका डलास इंटरनेशनल एयरपोर्ट 6,963 हेक्टेयर भूमि पर बना है। इसके बाद अमेरिका के दो अन्य आरलैंडो इंटरनेशनल एयरपोर्ट 5383 हे.व वाशिंगटन डुलल्स इंटरनेशनल एयरपोर्ट 4856 हेक्टेयर भूमि में बना हैं। जबकि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कुल 6200 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा।
क्षेत्रीय विधायक ने जमीन दिलाने में निभाई अहम भूमिका
एयरपोर्ट के दूसरे चरण के निर्माण के लिए किसान अपनी भूमि देने को तैयार नहीं हो रहे थे। जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने किसानों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक कराई। मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद किसान भूमि देने को सहमत हुए। जेवर विधायक गांव-गांव जाकर किसानों को भूमि देने के लिए तैयार कर उनके सहमति पत्र एकत्रकर प्रशासन के जरिए सरकार को भेजे जा रहे हैं।
145 किसानों ने और दी सहमति, 5600 पहुंचा सहमति का आंकड़ा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण को मंगलवार को 145 और किसानों ने अपनी सहमति दी। इसके साथ ही जमीन अधिग्रहण पर सहमति देने वाले किसानों के संख्या 5600 के करीब पहुंच गई है। प्रशासन शेष किसानों से ही सहमति लेने का प्रयास कर रहा है। रन्हेरा गांव के कई किसानों ने मंगलवार को विधायक धीरेंद्र सिंह के रबूपुरा स्थित कैंप कार्यालय पर पहुंचकर अपनी सहमति दी।
विधायक धीरेंद्र सिंह के कार्यालय पर पहुंचकर किसानों ने भूमि अधिग्रहण की दी सहमति
उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को विधायक धीरेंद्र सिंह के कार्यालय पर पहुंचकर किसानों ने भूमि अधिग्रहण पर सहमति दी। इसमें रन्हेरा में 107, मुढरह के सात, करौली बांगर 11 व कुरैव के 20 किसानों ने सहमति दी। उन्होंने बताया कि प्रशासन शेष बचे सभी किसानों से सहमति लेने के लिए प्रयास कर रहा है। उम्मीद है कि आगामी कुछ दिनों में शत प्रतिशत किसान अपनी सहमति देकर क्षेत्र के विकास में अपनी भागीदारी निभायेंगे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।