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    Noida News: दिवाली से पहले आतिशबाजी ने शहर की हवा में घोला जहर, पहली बार बहुत खराब श्रेणी में पहुंचा AQI

    By MOHD BilalEdited By: Aditi Choudhary
    Updated: Mon, 24 Oct 2022 11:26 AM (IST)

    Noida News दिवाली की रात से पहले ही जमकर पटाखें जलाए जा रहे हैं। नतीजतन चारों ओर आसमान में प्रदूषण फैल गया है। आसमान धुंध की मोटी चादर से लिपटा हुआ है। जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है।

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    दिवाली से पहले आतिशबाजी ने शहर की हवा में घोला जहर, पहली बार बहुत खराब श्रेणी में पहुंचा AQI

    नोएडा, जागरण संवाददाता। दीपावली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद चोरी छिपे आतिशबाजी से औद्योगिक नगरी की फिजा बिगड़ गई। नोएडा की वातावरण में जहरीली गैस घुल गई है, जिसकी वजह से एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सोमवार को खराब से भी खराब श्रेणी में पहुंच गया। सीजन में पहली बार प्रदूषण का स्तर इस हद तक बढ़ा है।

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    पटाखों के बैन का कोई असर नहीं 

    शहर में दिवाली की रात से पहले ही जमकर पटाखें जलाए जा रहे हैं। नतीजतन चारों ओर आसमान में प्रदूषण ही प्रदूषण फैल गया है। आसमान धुंध की मोटी चादर से लिपटा हुआ है। दीपावली के त्योहार पर रविवार रात खूब पटाखे जलाए गए। पटाखों की आवाज देर रात तक सुनाई दे रही थी।

    जहरीली हवा लोगों के स्वास्थ्य पर कई दिनों तक बुरा असर डालती रहेगी। दीपावली पर आतिशबाजी से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। पटाखों से निकलने वाली सल्फरडाई आक्साइड और नाइट्रोजन आक्साइड गैस वायु को प्रदूषित करता है।

    300 के पार पहुंचा AQI स्तर

    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल दीपावली से एक सप्ताह पहले तक एक्यूआइ स्तर खराब श्रेणी में बना हुआ था। वहीं दीपावली के दिन स्तर में भारी वृद्धि देखी गई। दीपावली से एक रोज पहले जहां एक्यूआइ 300 से नीचे था। वहीं दीपावली के दिन नोएडा का एक्यूआई 300 के पार दर्ज किया गया।

    चिकित्सकों के अनुसार AQI का यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक है। सबसे प्रदूषित हवा सेक्टर 62 की रही। यहां एक्यूआई सुबह दस बजे 324 दर्ज किया गया। सेक्टर- 126 में भी एक्यूआई का स्तर 348 दर्ज किया गया। सुबह से आसमान में स्मॉग की चादर छाई है। घरों से बाहर निकले लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन की समस्या हो रही है।

    सांस संबंधी रोगों का खतरा बढ़ा

    प्रदूषण विशेषज्ञ के मुताबिक वैसे तो वाहनों और फैक्टरियों आदि कारणों से प्रदूषण का स्तर सामान्य से ऊपर ही रहता है। लेकिन दिवाली पर यह कई गुणा बढ़ जाता है। मानव शरीर के लिए रेस्पीरेबल सस्पेंडेट पार्टिकुलेट मैटर आरएसपीएम, पीएम-10) नुकसानदायक होता है। इस श्रेणी वाले प्रदूषित कण नाक और मुंह के रास्ते शरीर में जमा होकर नुकसान पहुंचाते हैं। इससे एलर्जी और सांस संबंधी रोग बढ़ते हैं।

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