उज्बेकिस्तान से MBBS कराने का दिया झांसा, वहां पहुंचे छात्रों को नहीं मिला प्रवेश, करोड़ों की ठगी में महिला गिरफ्तार
Muzaffarnagar News एमबीबीएस में प्रवेश के नाम पर छात्रों से ठगी करने के मामले में एक महिला एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि किरन तोमर नाम की यह एजेंट छात्रों से लाखों रुपये लेकर उन्हें विदेश में पढ़ाई का धोखा देती थी। आरोपित महिला और उसके बेटे के खिलाफ गत 25 सितंबर को रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। उज्बेकिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने के नाम पर लाखों रुपये ठगने वाली महिला एजेंट को थाना सिविल लाइंस पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस की मिशन शक्ति और एंटी रोमियो टीम की इस कार्रवाई से छात्रों से करोड़ों की ठगी का राजफाश हुआ है। आरोपित महिला और उसके बेटे के खिलाफ 25 सितंबर को मुकदमा दर्ज किया गया था।
सिविल लाइंस थाना प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार ने बताया कि रविवार को थाना नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांधी कालोनी में किरन उर्फ किरण तोमर को गिरफ्तार किया। 25 सितंबर को खुशतर शमीम समेत 17 से अधिक भारतीय छात्रों ने आरोप लगाया था कि एजुटेक एडवाइजर एजेंसी की एजेंट किरण तोमर और उसका बेटा युवाओं को विदेश में सस्ते दामों पर एमबीबीएस कराने का लालच देकर ठगी कर रहे थे।
दोनों ने छात्रों को विदेश भेजकर वहां किसी भी विश्वविद्यालय में फीस जमा नहीं कराई और न ही उनका पंजीकरण किया। इसके परिणामस्वरूप छात्रों को भारी जुर्माना भरना पड़ा और उनके पासपोर्ट पर दंड की मुहर लग गई। खुशतर शमीम ने बताया कि एजेंट ने छह साल की पढ़ाई के लिए लगभग 20 लाख रुपये का पैकेज बताया था, जिसमें वीजा, टिकट और फीस शामिल थी। उसने प्रारंभिक तौर पर 10 लाख रुपये जमा किए, लेकिन विदेश पहुंचने पर पता चला कि एजेंसी ने कोई औपचारिक प्रक्रिया पूरी नहीं की। इससे छात्रों का एक शैक्षणिक वर्ष बर्बाद हो गया और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई।
प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि एजुकेट एडवाइजर नामक एजेंसी चलाने वाली महिला युवाओं को झूठे सपने दिखाकर विदेश भेजती थी। उसका बेटा उज्बेकिस्तान में छात्रों को गुमराह करता था। उपनिरीक्षक सुनील कुमार और महिला उपनिरीक्षक ममता चौधरी ने उसे गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
करोड़ों की ठगी का आरोपित फरार, घर पर नोटिस चस्पा
संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। इकराम नाम का आरोपित स्टेप फार्मिंग इंडिया (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का सीएमडी है। आरोप है कि उसने निवेशकों से जैविक खेती और वर्मी कम्पोस्ट प्लांट लगाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की। पीड़ितों का कहना है कि कंपनी ने उन्हें मासिक रिटर्न, प्लांट लगाने और कमीशन का झांसा देकर पैसे जमा कराए। कुछ महीनों तक भुगतान करने के बाद कंपनी ने अचानक पैसे देना बंद कर दिया। जून-जुलाई 2024 के बाद से अधिकांश निवेशकों को एक रुपया भी नहीं मिला। निवेशकों ने प्रशासन से गुहार लगाई कि उनकी मेहनत की पूंजी वापस दिलाई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
रविवार को साकेत पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक रेशमपाल ने हाजी इकराम के आवास पर पहुंचकर नोटिस चस्पा किया और चेतावनी दी कि यदि फरार इकराम जल्द नहीं आता है, तो उसकी संपत्ति कुर्क की जाएगी। हाजी इकराम की गिरफ्तारी के लिए कई बार दबिश दी जा चुकी है।
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