Muzaffarnagar: कवाल कांड में मारे गए गौरव की मां लड़ेंगी खतौली सीट से उप चुनाव, राजनीति में आने का बताया कारण
भाजपा विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद होने से खाली हुई मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर मतदान होगा। उप चुनाव के लिए गुरुवार से कचहरी परिसर में नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। कलक्ट्रेट में नामांकन पत्रों की बिक्री हो रही है।

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। वर्ष 2013 में हुए कवाल कांड में जान गंवाने वाले युवक गौरव के पिता रविंद्र सिंह का दर्द एक बार फिर उभर आया है। भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए रविंद्र ने कहा कि इस बार कवाल कांड का चुनावी लाभ भाजपा को नहीं लेने देंगे। उन्होंने खतौली के पूर्व विधायक विक्रम सैनी समेत अन्य बड़े नेताओं पर नौ साल तक दंगे को भुनाने का आरोप लगाया। साथ ही गौरव की मां सुरेश देवी के खतौली सीट से उपचुनाव लड़ने का एलान भी किया।
भाजपा नेताओं पर लगाए आरोप
रविंद्र सिंह ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट में मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा नेता दंगे के षडयंत्रकारियों से मिल गए हैं। उन्होंने सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हर रैली में कवाल कांड का मामला उठाया, जबकि आज तक सरकार का कोई नुमाइंदा इस गांव की सुध लेने नहीं आया। यहां सब वर्ग एवं धर्म के लोग आपसी सद्भावना के साथ रह रहे हैं। अब किसी को दंगा एवं कवाल भुनाने नहीं दिया जाएगा। निर्दोष होने के बावजूद परिवार को अदालती लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इसलिए अब परिवार ने राजनीति में उतरने का निर्णय लिया है। भाजपा नेताओं ने यह तक भी नहीं पूछा कि कौन किस हाल में जी रहा है। सुरेश देवी ने भी खतौली विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए नामांकन-पत्र खरीदा है। इस संबंध में पूर्व विधायक विक्रम सैनी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
आठ नामांकन-पत्र बिके, जमा कोई नहीं
उपचुनाव के लिए दो दिन में आठ नामांकन पत्र बिक चुके हैं लेकिन कोई नामांकन अभी तक जमा नहीं हुआ है। शुक्रवार को तीन दावेदारों ने नामांकन पत्र खरीदे। इनमें जय बहादुर निवासी जावन खतौली, सुनीता सिंह निवासी संगम विहार मुजफ्फरनगर और सुरेश देवी पत्नी रविंद्र कुमार निवासी सिविल लाइन दक्षिणी शामिल हैं। भाजपा, रालोद-सपा गठबंधन, बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशी नहीं घोषित किए गए हैं।
दो भाइयों समेत तीन की हत्या के बाद भड़की थी दंगे की चिंगारी
मुजफ्फरनगर। जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव कवाल में 27 अगस्त 2013 को मलिकपुरा निवासी युवती के साथ कालेज से लौटते समय छेड़छाड़ के बाद कहासुनी हुई। छेड़छाड़ का आरोप कवाल निवासी शाहनवाज पर लगा था। पता लगने पर मलिकपुरा निवासी दो फुफेरे भाइयों गौरव और सचिन ने कवाल पहुंचकर विरोध किया। इस दौरान शाहनवाज की मौत हो गई थी, जबकि गौरव और सचिन को दर्जनों लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। कवाल में तिहरे हत्याकांड के बाद जमकर आगजनी हुई थी। इसके बाद सात सितंबर को नगला मंदौड़ में पंचायत हुई। पंचायत से लौटते लोगों पर कई जगह हमले हुए। जिले में हिंसा भड़क उठी थी।
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