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गांवों के साथ डूबे इंतजाम, जागकर रात गुजार रहे ग्रामीण

हरिद्वार से छोड़े जा रहे पानी से रामराज के मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर दो दिन से लगातार खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। शनिवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर को पार कर 220.20 मीटर पर पहुंच गया था जिसके बाद शाम चार बजे हरिद्वार से गंगा में सवा तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। 12 घंटे बाद रविवार की तड़के यह पानी गंगा बैराज पर पहुंचा तो गंगा का जलस्तर पुन बढ़ने लगा। रविवार की सुबह बैराज कंट्रोल रूम पर तैनात कर्मचारियों ने गंगा के जलस्तर की माप 220.40 मीटर तथा गंगा में सवा चार लाख क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 11:26 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 11:26 PM (IST)
गांवों के साथ डूबे इंतजाम, जागकर रात गुजार रहे ग्रामीण

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। हरिद्वार से छोड़े जा रहे पानी से रामराज के मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर दो दिन से लगातार खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। शनिवार को गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर को पार कर 220.20 मीटर पर पहुंच गया था, जिसके बाद शाम चार बजे हरिद्वार से गंगा में सवा तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। 12 घंटे बाद रविवार की तड़के यह पानी गंगा बैराज पर पहुंचा तो गंगा का जलस्तर पुन: बढ़ने लगा। रविवार की सुबह बैराज कंट्रोल रूम पर तैनात कर्मचारियों ने गंगा के जलस्तर की माप 220.40 मीटर तथा गंगा में सवा चार लाख क्यूसेक जल निस्सारण की माप दर्ज की। यहां बढ़े जलस्तर के बाद गंगा अपने रौद्र रूप में आ गई तथा गंगा ने तटबंध की दूसरी ओर बसे जीवनपुरी गांव व रामपुर ठकरा को चपेट में ले लिया। गंगा का पानी गांव में घुसने से ग्रामीण भयभीत हो गए तथा सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करना शुरू कर दिया। गांव में करीब दो से ढाई फुट पानी सड़कों पर भर गया है। गांव में पानी आने के बाद ग्रामीण खाना भी नहीं पका सके। ग्रामीण आशीष शर्मा व इंद्रजीत, रणवीर, बबलू, समरे सिंह, रणधीर सिंह, दीपू व रणवीर सिंह आदि ने बताया कि गंगा के पानी के डर से रात में सो भी नही सके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी गांव में दौरे तो कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों को खाना व पशुओं को चारा मिला है या नहीं, यह किसी अधिकारी ने नहीं पूछा है। ग्रामीण बाढ़ से निपटने के प्रशासन के दावों को मात्र खानापूर्ति बता रहे हैं। गंगा के पानी से तटबंध में हुआ कटान

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रामराज : गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शनिवार को गंगा का पानी तटबंध से पूरी तरह मिलकर चल रहा था, जिससे रात्रि में हंसावाला गांव के निकट तटबंध का कटान शुरू हो गया है। तटबंध में कटान होते ही सिचाई विभाग अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा जेसीबी व ट्रैक्टर-ट्राली लगाकर तटबंध की मरम्मत कराई। गंगा के जलस्तर के साथ बढ़ती रही धड़कनें

ग्रामीणों ने शनिवार का दिन तो प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे के आश्वासन के साथ गुजार दिया था, लेकिन शाम को 4 बजे फिर से हरिद्वार से छोडे़ गए सवा तीन लाख क्यूसेक पानी की जानकारी लगने पर ग्रामीण भयभीत हो गए। हंसावाला गांव निवासी प्रधानपति मदन चौहान ने बताया कि रात्रि में ग्रामीण 10 से 15 लोगों के कई समूह बनाकर तटबंध पर पहरा दे रहे थे तथा बार-बार अन्य ग्रामीणों को पानी की स्थिति के बारे में अवगत करा रहे थे। हुक्मरानों के इंतजाम फेल

हुक्मरानों के बाढ़ चौकियों को अलर्ट करने के साथ बचाव के इंतजाम के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन दावे फेल नजर आ रहे हैं। जीवनपुरी व रामपुर ठकरा गांवों में बाढ़ का पानी आने के बाद ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। जीवनपुरी व रामपुर ठकरा गांवों के साथ हंसावाला गांव के ग्रामीणों के अनुसार उनके गांव में बाढ़ से बचाव के लिए लाइफ जैकेट व मोटर भी उपलब्ध नही हैं। फार्म हाउस में भरा पानी

जीवनपुरी के जंगल में किसान णवीर, बबलू, समरे सिंह, रणधीर सिंह, दीपू व रणवीर सिंह आदि ने अपने खेतों के निकट फार्म हाउस बनाए हुए हैं। ग्रामीणों के अनुसार गंगा का पानी उनके फार्म हाउस में कई फुट तक भर गया, जिससे उनके घर में रखे गेहूं, भूसा व खाद्य सामग्री पानी में डूबने से खराब हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इनका कहना है..

कुछ ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। तटबंध पर मिट्टी डलवाकर मरम्मत करा दी गई है। बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। लाइफ जैकेट विद्यालयों में रखी हुई हैं आवश्यकता पड़ने पर मंगा ली जाएंगी। मोटर बोट लगातार संपर्क में हैं।

- आलोक कुमार, अपर जिलाधिकारी, वित एवं राजस्व।


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