UP SIDA News : उद्यमियों को बड़ी राहत, वर्तमान भूखंड पर ही कार्यों के विस्तार के लिए मिलेगी अतिरिक्त जगह
UP State Industrial Development Authority मंडलायुक्त ने कहा कि पूर्व में सात अप्रैल से प्रभावी व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी के कार्यालय आदेश के अनुसार ये संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि औद्योगिक इकाइयों के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने अपने औद्योगिक क्षेत्रों के औद्योगिक, वेयर हाउसिंग और गोदामों के लिए भूखंडों का क्रय योग्य फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) की अधिकतम सीमा को 66 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। प्रदेश शासन के निर्देश के दृष्टिगत ये संशोधन प्राधिकरण के संचालक मंडल की 22 जून को आयोजित 38वीं बैठक में किए गए हैं।
मंडलायुक्त ने कहा कि पूर्व में सात अप्रैल से प्रभावी व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी के कार्यालय आदेश के अनुसार ये संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू किए गए हैं। पहले औद्योगिक, वेयर हाउसिंग और गोदाम के लिए 18 मीटर की चौड़ी सड़क पर स्थित भूखंडों पर अधिकतम क्रय योग्य एफएआर 1.5 था, जो अब नई व्यवस्था के तहत औद्योगिक, वेयर हाउसिंग और गोदाम के लिए बढ़ाकर अधिकतम 2.5 तक कर दिया है। इसी तरह 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित औद्योगिक, वेयर हाउसिंग और गोदाम के भूखंडों का अधिकतम क्रय योग्य एफएआर पहले 2.0 था, जिसे बढ़ाकर अब अधिकतम 2.5 तक कर दिया गया है। मंडलायुक्त बताया कि यूपीसीडा द्वारा क्रय योग्य एफएआर बढ़ाए जाने से उद्यमियों को अपने वर्तमान भूखंड पर ही अपने कार्यों के विस्तार के लिए अतिरिक्त जगह उपलब्ध हो जाएगी। आजकल भूमि की अनुपलब्धता तथा बढ़ी हुई भूमि की कीमतों के दृष्टिगत उद्यमियों को यूपीसीडा द्वारा लिए गए इस निर्णय से राहत मिलेगी।
उद्यमियों को अनुरक्षण शुल्क से मिली राहत : मंडलायुक्त आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया है कि उद्यमियों के लिए राहत वाली की खबर है। लंबे समय से यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्र में अनुरक्षण शुल्क कम करने की मांग सुन ली गई है। प्राधिकरण की ओर से आवंटित औद्योगिक एवं व्यावसायिक, एकल आवासीय, ग्रुप हाउसिंग तथा संस्थागत भूखंडों में अनुरक्षण शुल्क की दरों को पुनरीक्षित किया गया है। भूखण्ड क्षेत्रफल 25 एकड़ तक अब 24 रुपये के स्थान पर अब 20 प्रति वर्गमीटर ही देय होगा। इसी प्रकार भूखंड क्षेत्रफल 25 से 50 एकड़ तक 16 रुपये और 50 से 100 एकड़ तक 12 रुपये देय होंगे। एसईजेड के क्षेत्र प्रबन्धक संजीव कुमार बेदी ने बताया कि पहले समस्त देयों पर ब्याज लगभग 14 फीसद थी। अब 8.5 फीसद ही ब्याज दर चुकता करना होगा, लेकिन आवंटियों के दस्तावेज में जो ब्याज दर तय है, वही प्रभावी होगा। यह आदेश नये आवंटियों पर लागू होगा। एक जुलाई, 2021 से प्रभावी माना जायेगा। यह दर 20 जून, 2022 तक प्रभावी रहेगा।
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