राइस मिलर्स का संकट पहुंचा सीएम दरबार: FRK की कमी और धान उठान की समस्याओं पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी गंभीर समस्याएं बताईं। एफआरके की कमी से मिलों का का ...और पढ़ें

मुख्यमंत्री सीएम योगी से मिलता प्रतिनिधिमंडल
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश उपाध्यक्ष एकांश गुप्ता के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर राइस मिलर्स की गंभीर समस्याओं को विस्तार से रखा। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि एफआरके (फोर्टिफाइड राइस कर्नेल) की आपूर्ति सुचारू न होने से प्रदेश भर की राइस मिलों का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, जिससे मिलर्स और किसानों दोनों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को बताया कि जब तक एफआरके चावल की आपूर्ति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक 30 जनवरी 2026 तक नान-एफआरके चावल को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) में जमा करने की अनुमति केंद्र सरकार से दिलाई जाए। इस संबंध में खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री भारत सरकार से हस्तक्षेप कराने की मांग की गई।
उन्होंने बताया गया कि एफआरके उपलब्ध न होने के कारण राइस मिलों से सीएमआर चावल समय पर एफसीआइ में नहीं उतर पा रहा है। मौजूदा नियमों के तहत 30 दिन में चावल न उतार पाने पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि से मिलर्स वंचित हो रहे हैं, इसलिए इस अवधि को 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन करने का अनुरोध किया गया।
इसके अलावा बड़ी समस्या धान खरीद से जुड़ी रही। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि धान क्रय केंद्रों पर किसानों की ट्रालियों की लंबी लाइनें लगी हैं, क्योंकि मंडियों में खरीदे गए धान का उठान एफआरके संकट के कारण अटका हुआ है। धान क्रय केंद्रों पर कांटे सिंगल कर दिए गए हैं। राइस मिलर्स ने धान खरीद लक्ष्य बढ़ाने और पुनः दो कांटों की स्वीकृति देने की मांग रखी।
राइस मिलर्स ने मांग की कि वर्तमान सीजन 2025-26 में मिलर्स के बिलों से होल्डिंग चार्ज की वसूली पूरी तरह रोकी जाए। उनका कहना था कि धान मिलों में प्रेषित और प्राप्त हो चुका है, लेकिन एफआरके की अनुपलब्धता के कारण सीएमआर चावल समय पर एफसीआइ डिपो नहीं भेजा जा पा रहा है, ऐसे में मिलर्स पर आर्थिक दंड अनुचित है।
मुख्यमंत्री ने राइस मिलर्स की समस्याओं को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागों को परीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई के संकेत दिए। राइस मिलर्स को उम्मीद है कि सरकार के हस्तक्षेप से एफआरके संकट, धान उठान और भुगतान से जुड़ी समस्याओं का शीघ्र समाधान होगा।

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