Panchayat Election 2021 : आरक्षण से मायूस मुरादाबाद के ग्रामीणों को अदालत से राहत मिलने की उम्मीद
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नए सिरे से हुए आरक्षण के खिलाफ कई गांवों के लोग अदालत की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। उधर हाईकोर्ट के फैसले से खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर 26 मार्च को सुनवाई होनी है।
मुरादाबाद, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नए सिरे से हुए आरक्षण के खिलाफ कई गांवों के लोग अदालत की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं। उधर, हाईकोर्ट के फैसले से खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर 26 मार्च को सुनवाई होनी है। इससे ग्रामीणों को राहत मिलने की उम्मीद लग रही है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने पंचायत चुनाव को वर्ष 2015 को आधार मानकर अंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी है। इससे जो गांव पहली सूची में अनारक्षित थे, वह आरक्षित हो गए हैं। तमाम ऐसे गांव भी हैं, जिन्हें आरक्षित श्रेणी में रखा गया है। इससे तमाम ग्रामीण नाखुश हैं। बड़ी संख्या में आपत्तियां दाखिल हो रहीं हैं। कुंदरकी और बिलारी विकास खंड के कई ग्रामीण अदालत की शरण में जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। कुछ लोग तो इलाहाबाद पहुंचकर अधिवक्ताओं की राय भी ले रहे हैं। उधर, हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल हो चुकी है। इसमें 26 मार्च को सुनवाई होनी है। हालांकि तब तक आरक्षण सूचियों को फाइनल करके अंतिम प्रकाशन हो जाएगा। लेकिन, ग्रामीणों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद है। जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि हम अपना काम कर रहे हैं। अदालत का कोई आदेश आएगा तो उसका भी पालन कराया जाएगा।