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यूपी की 10 साल से ज्‍यादा पुरानी बसें अब नहीं जा पाएंगी द‍िल्‍ली, टोल प्‍लाजा पर लगा रहा ब्रेक

रोडवेज की ज्‍यादा पुरानी बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इससे यात्र‍ियों को परेशान होना पड़ रहा है। फास्टैग के माध्‍यम से बसों की पूरी कुंडली सामने आ रही है। मुरादाबाद की 202 बसों में 121 बसें कंडम हो चुकी हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2021 08:17 AM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2021 08:17 AM (IST)
आनंद विहार जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। यूपी रोडवेज की पुरानी बसों को दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दरअसल फास्टैग जर्जर वाहनों को चिह्नित करता है, इससे टोल प्लाज पर ही बसों को रोक दिया जाता है। मुरादाबाद में रोडवेज की 202 बसों में 121 कंडम हो चुकी हैंं। नई बसें नहीं होने से कंडम बसों से ही यात्रियों को ढोया जा रहा है।

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दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए 10 साल से ज्‍यादा पुरानी बसों को दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके बाद से रोडवेज की पुरानी बसों को दिल्ली की सीमा वाले टोल प्लाज पर रोक दिया जा रहा है। इससे आनंद विहार जाने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों को कंडम घोषित करने नियम बना रखा है। जिसके अनुसार बसों की आयु 10 साल निर्धारित की है। जिससे बसों में सफर करने वाले यात्री सुरक्षित सफर कर सके। इसी नियम के तहत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) व दिल्ली सरकार ने 10 साल से ज्‍यादा पुरानी बसों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। दिल्ली सरकार ने पुरानी बसों पर रोक लगाने के लिए फास्टैग का सहारा लिया है। फास्टैग सिस्टम में वाहन का पूरा रिकार्ड दर्ज होता है। दिल्ली की सीमा वाले टोल प्लाज पर 10 साल से ज्‍यादा पुराने वाहनों का टोल शुल्क नहीं कटता है और बस वहीं रोक दी जाती है। इस नियम के कारण आनंद विहार जाने वाली यूपी रोडवेज की पुरानी बसों को टोल प्लाज पर रोक दिया जाता है। टोल पर गाड़ी रुकते ही यात्री अन्य वाहनों से दिल्ली जाते हैं। मुरादाबाद से प्रत्येक दिन सौ-सौ बसें दिल्ली जाती है। मुरादाबाद दोनों डिपो में 202 बसें हैं, जिसमें 121 बसें 12 साल से अधिक पुरानी है। केवल 79 बसें ही 10 से कम साल की अवधि वाली है। इन्ही बसों को दिल्ली भेजा जा रहा है। बसों की संख्या कम होने से यात्री परेशान हैंं। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप कुमार नायक ने बताया कि दस साल से अधिक पुरानी बसों को दिल्ली में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दस साल से कम पुरानी बसों को दिल्ली भेजा जा रहा है और अधिक पुरानी बसों को अन्य जगहों के लिए चलाया जा रहा है। नई बसों के आवंटन के लिए प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। 

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