यातायात माह बना 'काल', 30 दिनों में 33 मौतें; अंतिम दिन 6 जिंदगियां लील गया भीषण हादसा
नवंबर में यातायात माह के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 33 लोगों की जान गई। महीने के अंतिम दिन एक भीषण हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई। यातायात विभाग के जागरूकता अभियान के बावजूद दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई, क्योंकि लोगों में यातायात नियमों के प्रति लापरवाही व जानकारी का अभाव रहा।

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। यातायात माह हर दिन सड़के खून से लाल हुई है। ऐसा ही शायद कोई दिन गया हो जिस दिन सड़क हादसे में किसी की जान न गई हो। यातायात माह का अंतिम दिन भी छह लोगों की मृत्यु गहरा जख्म दे गई। अंतिम दिन जिले में सबसे बड़ा हादसा हुआ। अधिकांश हादसों में रफ्तार ही कारण बनी। इस माह में रोडवेज बस से यह दूसरा हादसा है। इससे पहले 16 नवंबर को अधिवक्ता के बहनोई की रोडवेज बस की टक्कर से मृत्यु हो गई थी।
लोगों को यातायात के नियमों से जागरूक करने के लिए हर साल यातायात माह चलाया जाता है। जिससे हादसों में कमी आ सके, लेकिन मुरादाबाद में ऐसा नहीं हुआ। मुरादाबाद में तो यह यातायात माह लोगों के लिए काल बन गया। ऐसा कोई दिन नहीं हुआ जिस दन यातायात माह का अंतिम दिन था उस दिन साल का सबसे बड़ा हादसा हो गया।
इस साल में हादसे तो लगभग रोजाना ही हुए है, लेकिन अंतिम दिन एक हादसे में छह लोगों की जान चली गई। इस हादसे में भले ही पुलिस अपनी लापरवाही न मान रही हो, लेकिन पुलिस की लापरवाही ही भारी पड़ी है। क्योंकि हाईवे पर ई-रिक्शा और आटो पर चलने पर रोक लगाई थी, लेकिन इसके बाद भी धड़ल्ले से आटो और ई-रिक्शा हाईवे पर दौड़ रहे हैं।
रात में ही कराए गए सभी शवों के पोस्टमार्टम
सड़क हादसे में छह लोगों की मृत्यु के बाद स्वजन की मांग पर डीएम अनुज सिंह के निर्देश पर रात ही सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। रात करीब दस बजे के बाद पोस्टमार्टम होने शुरू हुए, जो देर रात तक चलते रहे। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि रात में ही शवों के पोस्टमार्टम कराए गए है। अभी तक शिकायती पत्र नहीं मिला है। शिकायती पत्र मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी
कुंदरकी विधायक ने मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद के लिए लिखा पत्र
हादसे में जान गंवाने वाले व घायलों के स्वजन को आर्थिक मदद के लिए कुंदरकी विधायक ठाकुर रामवीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। मुख्यमंत्री राहत कोष से आपातकालीन सहायता राशि प्रदान करने की मांग की। इससे पहले वह जिला अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे। मृतकों के परिजनों को सांत्वना देते हुए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

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