गंगा एक्सप्रेसवे हादसा: आरटीओ की रिपोर्ट में 'रॉन्ग साइड' ड्राइविंग और ओवर-स्पीडिंग बनी मौत की वजह
गंगा एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे की आरटीओ रिपोर्ट में 'रॉन्ग साइड' ड्राइविंग और ओवर-स्पीडिंग को मुख्य कारण बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, गलत दिशा में गाड़ी चलाना और अत्यधिक गति इस दुर्घटना का कारण बनी।
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हादसे की जांच करते अधिकारी
जागरण संवाददाता, संभल। निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों ने जांच की है। जांच में न सिर्फ रफ्तार का कहर सामने आया है बल्कि यातायात नियमों की भूल भी इस हादसे का कारण बनी है। शुक्रवार को आरटीओ संदीप कुमार पंकज व एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी ने घटनास्थल का जायजा लिया और क्षतिग्रस्त वाहनों का मुआयना किया। फिर इस हादसे की रिपोर्ट बनाकर परिवहन आयुक्त को भेजी है।
बाद में अधिकारियों ने निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे पर चढ़ने व उतरने वाले प्वाइंटों पर बैरियर लगाने व गार्ड की तैनाती के निर्देश दिए। निरीक्षण के बाद आरटीओ संदीप कुमार पंकज ने बताया कि जांच में प्रथम दृष्टया न सिर्फ दोनों वाहन तेज रफ्तार से चलना प्रतीत हो रहे हैं बल्कि यातायात के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था।
वहां पर मौजूद लोगों से बातचीत की गई तो पता चला कि हाईवे पर दोनों ही वाहन एक साइड की एक ही लाइन में आमने-सामने आ रहे थे। जबकि यातायात के नियमानुसार गाड़ी में जिस साइड में चालक बैठा होता है, उस साइड को छोड़कर बाएं तरफ चलनी चाहिए। लेकिन, इस हादसा में ऐसा नहीं हुआ।
पिकअप गाड़ी वाला भी चालक साइड यानी दाएं तरफ चल रहा था, जबकि उसे बाएं तरफ की लेन में चलना चाहिए था। उधर, सामने से आ रही आल्टो कार भी बाएं के बजाए दाएं तरफ आ रही थी, इसलिए दोनों वाहन एक लेन पर आमने-सामने आए और भिड़ंत हो गई। क्षतिग्रस्त वाहनों के एयरबैग भी खुल गए थे। इससे साफ है कि वाहनों की गति अधिक थी। भिड़ंत इतनी जबरदस्त थी कि एयरबैग कवर नहीं कर सके।
आरटीओ ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे की कार्यदायी संस्था अधिकारियों से बातचीत हुई तो उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस वे का अभी लोग अनाधिकृत रूप से जबरन चढ़कर उपयोग कर रहे हैं। जबकि इसको आमजन के उपयोग के लिए नहीं खोला गया है। ऐसे में एक ही साइड पर दोनों गाड़ियां आमने सामने से आ रही थी।
रिपोर्ट बनाकर परिवहन आयुक्त को भेज दी गई है। वहीं आरटीओ ने कार्यदायी संस्था अधिकारियों को इंटरचेंज प्वाइंट पर बैरियर लगाने के साथ ही वहां पर गार्ड या किसी कर्मचारी को तैनात करवाने के निर्देश दिए। जिससे कोई भी वाहन उस ओर न जा सके। जब तक कि उसका निर्माण कार्य पूरा न हो सके।
कार अमरोहा तो पिकअप हापुड़ परिवहन कार्यालय में पंजीकृत
हादसे की शिकार कार अमरोहा जनपद परिवहन विभाग में पंजीकृत है और उसका वर्ष 2024 में पंजीकरण कराया गया था। उसका करीब छह माह पहले प्रदूषण प्रमाण पत्र समाप्त हो चुका था। जबकि अन्य सभी कागज पूरे थे। वहीं पिकअप का पंजीकरण संभल परिवहन विभाग कार्यालय में वर्ष 2024 में कराया गया था। मगर, यहां से ट्रांसफर होने के बाद अब यह पिकअप जनपद हापुड स्थित परिवहन विभाग कार्यालय में पंजीकृत है। जांच में पिकअप के सभी दस्तावेज पूरे पाए गए।

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