स्वदेशी का जादू: फाइबर रजाई से लेकर मेटल फ्रेम शीशों तक, स्टेट हैंडलूम एक्सपो में हस्तशिल्प का जलवा
मुरादाबाद के राजकीय पालीटेक्निक मैदान में चल रहे स्टेट हैंडलूम एक्सपो में देशभर के बुनकर अपने हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शित कर रहे हैं। बनारसी साड़ियां ...और पढ़ें

कताई करता बुनकर
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। राजकीय पालीटेक्निक मैदान में चल रहे स्टेट हैंडलूम एक्सपो के चौथे दिन शुक्रवार को भी दर्शकों की भीड़ उमड़ी रही। एक्सपो में बनारस, गोरखपुर, मऊ, झांसी, बरेली, बिजनौर, मुरादाबाद सहित जम्मू-कश्मीर से आए बुनकरों के स्टाल खरीदारों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
बनारसी साड़ियां, चिकनकारी, कतान सिल्क साड़ी और पश्मीना शाल,फाइबर युक्त रजाई, मेटल के फ्रेम वाले शीशे, डोरमैट व अन्य हस्तनिर्मित उत्पादों की खरीदारी लोगों ने उत्साहपूर्वक की। चौथे दिन विशेष रूप से बनारसी साड़ियों और कश्मीर के शाल की मांग अधिक रही। बुनकरों ने बताया कि एक्सपो से उन्हें सीधे ग्राहकों से जुड़ने का अवसर मिल रहा है, जिससे उनके उत्पादों को बेहतर बाजार मिल रहा है।
मेले में तीन लाख तक की चांदी से कढ़ाई युक्त वनारसी साड़ी जो मेले में आक्रसक का केन्द्र रही। और कतान सिल्क वनारसी साड़ी इसकी खासियत यह है कि आग लग जाने पर हाथ मारने से आग तुरंत बंद हो जाती है और शरीर में चिपकती भी नहीं है। वहीं सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए हैं कीमती साड़ियों और अन्य हस्तनिर्मित उत्पादों को देखते हुए पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौजूद है।
सहायक आयुक्त उद्योग अश्वनी कुमार सिंह ने बताया कि स्टेट हैंडलूम एक्सपो का उद्देश्य बुनकरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनकी पारंपरिक कला को नई पहचान दिलाना है। जिसके लिए प्रशासन इनके आने जाने का किराया देती है और दुर्घटना बीमा करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन मिलता है और हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलता है।
फाइबर युक्त रजाई, मेटल के फ्रेम वाले शीशे किया आकर्षक
हथकरघा मेले में फाइबर युक्त रजाई भी लोगों ने खूब खरीदी,इसकी खाशियत यह है कि हल्की, जल्दी गर्म होने वाली और ज्यादा टिकाऊ होती है, जिससे लोग इसे खूब खरीद रहे हैं; यह देसी रुई की रजाई से हल्की होती है और आसानी से धोने योग्य होती है,बाजार में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है, खासकर जयपुरी रजाई के मुकाबले।
वहीं मेटल के फ्रेम वाले शीशे जो लोगों के आकर्षक का केन्द्र बना हुआ है। इनकी खासियत उनकी मज़बूती, टिकाऊपन, और स्टाइलिश, स्लीक लुक होती है। ये पतले होते हैं जिससे ज़्यादा साफ दिखाइ देता है और मौसम प्रतिरोधी होते हैं।
काटन सिल्क साड़ी की अनूठी खासियत
काटन सिल्क बनारसी साड़ियों की भी अच्छी मांग देखने को मिल रही है। बुनकरों के अनुसार, इन साड़ियों की खासियत यह है कि यदि आग लग भी जाए तो हाथ मारते ही आग बुझ जाती है और यह शरीर से चिपकती नहीं है, जिससे यह अन्य साड़ियों की तुलना में अधिक सुरक्षित मानी जाती है।
स्वदेशी संदेश दे रहे हथकरघा उत्पाद
स्टेट हैंडलूम एक्सपो मेले में हथकरघा से तैयार किए गए लैपटाप बैग, साड़ियां, बेडशीट और रमायम कवर लोगों को खासा पसंद आ रहे हैं। ये उत्पाद न सिर्फ मजबूत और आकर्षक हैं, बल्कि स्वदेशी संस्कृति का भी संदेश देते हैं। प्राकृतिक कपड़े और पारंपरिक बुनाई से बने इन सामानों को लोग रोजमर्रा के इस्तेमाल के साथ-साथ उपहार के रूप में भी खरीद रहे हैं। कारीगरों का कहना है कि ऐसे स्वदेशी उत्पादों की बढ़ती मांग से उन्हें नई ऊर्जा और आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिल रहा है।

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