कागजों पर लक्ष्य, जमीन पर सन्नाटा: मुरादाबाद में 'फोर्टिफाइड चावल' ने रोका किसानों का रास्ता
मुरादाबाद में 'फोर्टिफाइड चावल' योजना किसानों के लिए एक बाधा बन गई है। कागजों पर लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, लेकिन वास्तविकता में योजना का कार्यान्वय ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जिले में फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (एफआरके) चावल उपलब्ध न होने के कारण सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीद प्रभावित हो गई है। एफआरके की आपूर्ति न मिलने से राइस मिलों से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) को चावल की आपूर्ति अटक गई, जिसका सीधा असर धान खरीद पर पड़ा है।
कई क्रय केंद्रों पर किसान धान लेकर पहुंचे, लेकिन खरीद बंद होने के कारण उन्हें लौटना पड़ा। इससे किसानों में नाराजगी है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत 22 दिसंबर तक जिले में धान खरीद का लक्ष्य 4.45 लाख टन तय किया गया था। इसके सापेक्ष अब तक लगभग 3.25 लाख टन धान की खरीद हो पाई है, जो लक्ष्य का करीब 73 प्रतिशत है।
हालांकि, एफआरके की कमी ने शेष खरीद को संकट में डाल दिया है। खरीद बाधित होने के साथ-साथ कई केंद्रों पर अन्य खामियां भी सामने आई हैं। मानक से अधिक नमी का हवाला देकर धान लौटाया जा रहा है। इन समस्याओं के बीच एफआरके न मिलने से अचानक खरीद रोक दी गई, जिससे छोटे और सीमांत किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, जिनके पास भंडारण की व्यवस्था सीमित है।
खाद्य विभाग ने 2.14 लाख टन लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 1.50 लाख टन खरीद की है। पीसीएफ ने लक्ष्य का करीब 89 प्रतिशत धान खरीदा है। नफेड की खरीद बेहद सीमित रही। पीसीएफ, यूपीएसएसएस, कृषि उत्पादन मंडी समिति सहित अन्य एजेंसियों की कुल खरीद 3.22 लाख टन के आसपास पहुंची है।
कई केंद्रों पर अब भी 68 हजार टन से अधिक धान अवशेष बताया जा रहा है, जिसकी मिलिंग और चावल आपूर्ति एफआरके के बिना संभव नहीं है। धान खरीद रुकने का असर किसानों के भुगतान पर भी पड़ा है। अब तक किसानों को लगभग 76 प्रतिशत भुगतान ही किया जा सका है। शेष भुगतान अटका है।
जिले में करीब 49 हजार से अधिक किसान अब तक इस खरीद व्यवस्था से लाभान्वित बताए गए हैं, लेकिन मौजूदा हालात में नए किसानों की एंट्री रुक गई है। क्रय केंद्रों से लौटे किसानों का कहना है कि सरकार एक ओर समर्थन मूल्य पर धान खरीद का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर एफआरके जैसी जरूरी व्यवस्था समय पर न होने से खरीद ठप हो गई है।
किसानों ने मांग की है कि एफआरके की तत्काल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी दुर्गेश प्रसाद ने बताया कि एफआरके से कारण खरीद पर असर पड़ रहा है। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा।

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