'कमीशन' की मांग पड़ी भारी: बिजनौर के बाबू पर गिरी गाज, कई बाबुओं पर कार्रवाई की तैयारी
मुरादाबाद मंडल के उपनिदेशक (पंचायत) ने बिजनौर के वरिष्ठ सहायक सतीश कुमार को अवैध वसूली के आरोप में नोटिस जारी किया है। एक विकलांग सफाईकर्मी की शिकायत ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। पंचायत राज विभाग में एक बार फिर भ्रष्टाचार और लापरवाही के गंभीर आरोप सामने आए हैं। बिजनौर जिला पंचायत राज कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक सतीश कुमार को अवैध वसूली के आरोप में मुरादाबाद मंडल के उपनिदेशक (पंचायत) ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
मामला आइजीआरएस पोर्टल पर दर्ज विकलांग सफाईकर्मी की शिकायत से जुड़ा है, जिसने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसी तरह पंचायती राज विभाग में मुरादाबाद के कई बाबुओं पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। मुहल्ला जाटान, बिजनौर निवासी सफाईकर्मी सरिता कश्यप ने 19 अक्टूबर 2025 को आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोप है कि वरिष्ठ सहायक द्वारा एसीपी एरियर, दो वर्षों का बोनस और एग्रीमेंट निकालने के नाम पर आधे वेतन की मांग की गई। शिकायत में यह भी कहा गया कि भुगतान न मिलने के कारण वह लंबे समय से आर्थिक तंगी और मानसिक प्रताड़ना झेल रही हैं। शिकायत सामने आने के बाद उपनिदेशक (पंचायत) स्तर से जिला पंचायत राज अधिकारी बिजनौर और संबंधित वरिष्ठ सहायक से मौखिक वार्ता कर लंबित देयों के तत्काल भुगतान के निर्देश दिए गए थे।
इस पर वरिष्ठ सहायक ने बजट उपलब्ध न होने की बात कही, लेकिन निदेशालय स्तर से बजट समस्या का समाधान कर दिया गया। इसके बावजूद न तो शिकायतकर्ता को भुगतान मिला और न ही मामले का गुणवत्तापरक निस्तारण किया गया। नोटिस में उल्लेख है कि शिकायतकर्ता के साथ-साथ अन्य कर्मचारियों द्वारा भी आइजीआरएस पोर्टल पर बार-बार असंतुष्ट फीडबैक दिया जा रहा है, जिससे जनशिकायतों का निस्तारण लंबित चल रहा है।
इस स्थिति पर आयुक्त, मुरादाबाद मंडल ने कड़ा रोष व्यक्त करते हुए वरिष्ठ सहायक के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उपनिदेशक पंचायत राज विभाग अभय कुमार यादव ने नोटिस जारी करके वरिष्ठ सहायक से एक सप्ताह के भीतर अभिलेखीय साक्ष्यों सहित जवाब मांगा है।
इसमें पूछा गया है कि शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण क्यों नहीं किया गया, वास्तविक देय भुगतान कितना था और कितना भुगतान कराया गया। साथ ही कोषागार के बिल-वाउचर, सेवानिवृत्त सफाईकर्मियों, ग्राम पंचायत अधिकारियों और सहायक विकास अधिकारियों के लंबित भुगतान की संख्या और कारणों का भी विवरण मांगा गया है।
नोटिस में वरिष्ठ सहायक की कार्यप्रणाली को स्वेच्छाचारी बताते हुए कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि स्थापना और लेखा पटल से जुड़े कार्यों में अनावश्यक देरी कर कर्मचारियों को जानबूझकर प्रताड़ित किया जाता है और उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा।
यदि तय समय सीमा के भीतर संतोषजनक स्पष्टीकरण और मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई गईं तो वरिष्ठ सहायक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रस्तावित कर दी जाएगी। मुरादाबाद में वित्तीय कार्य देखने वाले बाबू का हाल भी इसी तरह है। शिकायत पटल पर कार्रवाई की फाइलें लंबित हैं।

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