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    Moradabad Rape Case: आरोपित शाहनवाज पर कसता शिकंजा, पिता कारी सगीर के तीनों मदरसे सील

    Updated: Sat, 24 Aug 2024 12:28 PM (IST)

    Moradabad Nurse Rape CAse डाक्टर ने नर्स से दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत के बाद आरोपित और उसके पिता की कुंडली खंगाली तो मदरसे संचालित मिले। तीनों मदरसे प्रशासन ने सील कर दिए हैं। वहां लड़कियां या लड़के नहीं मिले हैं। पिता द्वारा संचालित तीनों मदरसों को ध्वस्त करने की तैयारी है।ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा कर भवन बनाए गए हैं उनमें मदरसे के साथ आवास बनाकर रहते हैं।

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    मदरसे की सांकेतिक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। नर्स से दुष्कर्म के आरोपित शाहनवाज पर शिकंजा कसता जा रहा है। शुक्रवार को उसके पिता कारी सगीर के तीनों मदरसों को सील कर दिया गया। इनमें न बच्चे मिले न ही स्टाफ। दो मदरसों के भवन अवैध कब्जा कर बनवाए गए हैं। इनमें एक में आवास भी है। माना जा रहा है कि मान्यता कराकर मदरसों के नाम पर फंडिंग ली जा रही होगी। तीनों मदरसों को ध्वस्त करने की भी तैयारी की जा रही है। अवैध भवन में मान्यता देने से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग भी संदेह के दायरे में आ गया है।

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    ठाकुरद्वारा के एबीएम हॉस्पिटल में 17 अगस्त को नर्स के साथ दुष्कर्म किया गया था। इसके मुख्य आरोपित हॉस्पिटल संचालक शाहनवाज, नर्स मेहनाज और वार्ड ब्वॉय जुनैद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। घटना के वक्त शाहनवाज के पिता कारी सगीर भी हॉस्पिटल में भर्ती थे।

    सगीर पैतृक गांव राजपुर केसरिया में दो और जटपुरा में एक मदरसे का संचालन करते हैं। गुरुवार को पुलिस व प्रशासनिक टीम ने गांव में जाकर पता किया तो जानकारी हुई कि गांव के बाहरी ओर खाद के गड्ढे के नाम दर्ज करीब ढाई बीघा जमीन पर कब्जा कर दो मदरसे, उनमें एक में आवास बना रखा था। सगीर उसी में स्वजन के साथ रहते हैं।

    न बच्चे मिले न स्टाफ

    शुक्रवार को एसडीएम मणि अरोड़ा, सीओ राजेश कुमार, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के साथ लेकर फिर गांव गईं। वहां बच्चे और स्टाफ नहीं मिले। दोनों मदरसों में ताला लगा था। ग्रामीणों ने भी उनमें पढ़ाई होने की पुष्टि नहीं की। लिहाजा दोनों मदरसों को सील कर दिया गया।

    जटपुरा में आबादी में मदरसा है, वहां छात्राओं का छात्रावास भी है। लेकिन, घटना के बाद वह खाली हो गया है। उसमें ताला लटका था। लिहाजा उसे भी सील कर दिया गया। तीनों मदरसों में अधिकारियों को कोई रिकॉर्ड दिखाने वाला भी नहीं मिला था।

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    तीनों पर लगा दी सील

    एसडीएम ने बताया कि तीनों मदरसों को सील कर दिया गया है। इनमें दो को सरकारी भूमि पर कब्जा कर बनाया गया है। काबिलेगौर है कि बिना भौतिक सत्यापन के कैसे मदरसों की मान्यता मिल गई? इसे लेकर विभागीय अधिकारी संदेह के दायरे में हैं। अधिकारी मान्यता का ब्योरा भी निकलवा रहे हैं। जांच होने पर कई अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है। 

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