Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    किसान की फसल से पहले बिक रहा धैर्य: बदहाली के गड्ढों में फंसी मुरादाबाद की मझोला मंडी

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 04:59 PM (IST)

    मुरादाबाद की मझोला मंडी अव्यवस्थाओं और बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रही है। चबूतरों पर दुकानें बनाने को लेकर आढ़तियों का विरोध जारी है, जिससे विवा ...और पढ़ें

    Hero Image

    मुरादाबाद की मझोला मंंडी

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मझोला कृषि उत्पादन मंडी आज अव्यवस्थाओं के ऐसे मकड़जाल में उलझ चुकी है, जहां किसान की फसल से पहले उसका धैर्य बिक रहा है। मंडी परिसर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव अब केवल शिकायत नहीं, बल्कि रोजमर्रा की पीड़ा बन चुकी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कड़ाके की ठंड हो या झुलसाती गर्मी किसानों के लिए पीने के पानी तक का अच्छा इंतजाम नहीं है। इसी बीच चबूतरों पर दुकानों के निर्माण को लेकर मंडी में नया विवाद खड़ा हो गया है। जिस फैसले को लेकर पहले कुछ आढ़ती समर्थन में खड़े दिखे, वही अब बैकफुट पर हैं लेकिन, आढ़तियों का एक बड़ा हिस्सा चबूतरे पर दुकानें बनाने का विरोध कर रहे हैं।

    उनका कहना है कि यदि चबूतरे दुकानों में बदल दिए हम बर्बाद हो जाएंगे। बढ़ते असंतोष के बीच मंडी प्रशासन चबूतरे पर ही दुकानें बनाने पर अडिग है लेकिन, अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। मझोला मंडी में दिनभर बेसहारा पशुओं का विचरण आम दृश्य है। सब्जी मंडी हो या फल मंडी हर जगह गोवंश घूमता नजर आता है।

    इससे न केवल गंदगी बढ़ रही है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। किसानों का आरोप है कि कई बार पशु उपज को नुकसान पहुंचा चुके हैं, लेकिन गो-आश्रय या रोकथाम के नाम पर कोई ठोस इंतजाम नहीं किया गया। मंडी परिसर में सुरक्षा इंतजाम नाम मात्र के हैं। सीसीटीवी कैमरे या तो खराब पड़े हैं या उनकी निगरानी नहीं हो रही।

    किसानों का कहना है कि लाखों रुपये की उपज लेकर आते हैं लेकिन, सुरक्षा को लेकर कोई भरोसा नहीं दिलाता है। मझोला मंडी की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग अव्यवस्था है। ट्रैक्टर-ट्रालियां, पिकअप वाहन, आढ़तियों की गाड़ियां और खरीदारी को आने वाले ग्राहक सब एक ही जगह रहते हैं। न कोई तय स्लाट, न कोई दिशा-निर्देश।

    चार करोड़ खर्च, लेकिन सड़कें फिर भी बदहाल

    2015 में मंडी समिति ने जलनिकासी, पार्किंग और सड़क सुधार पर करीब चार करोड़ रुपये खर्च किए जाने का दावा किया था। योजना में नालियों का निर्माण, गड्ढामुक्त सड़कें और स्थायी पार्किंग शामिल थी। हकीकत यह है कि पहली बारिश में पूरी मंडी तालाब बन जाती है। व्यापारी तंज कसते हुए कहते हैं कि चार करोड़ कागज पर बहे, जमीन पर कुछ खास असर नहीं दिखाई दिया।

    सफाई व्यवस्था को लेकर हर महीने दावे होते हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई इसके उलट है। सब्जियों के अवशेष, पालीथिन, बीज के खाली बोरे और जाम नालियां मंडी की पहचान बन चुकी हैं। किसानों का कहना है कि सफाई कर्मी आते जरूर हैं, लेकिन काम नजर नहीं आता। मंडी में किसानों के लिए पर्याप्त शेड, बैठने की व्यवस्था और विश्राम गृह आज भी सपना हैं।

    मंडी में 16वें दिन भी आंदोलन जारी, आढ़ती मांग पर अड़े

    कृषि उत्पादन मंडी में आढ़ती व्यापारियों का आंदोलन मंगलवार को सोलहवें दिन भी शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहा। रोज की तरह आज भी मंडी परिसर में सभी आढ़ती व्यापारियों की बैठक हुई, जिसमें एकजुट होकर अपनी समस्याएं और मांगें मंडी प्रशासन के समक्ष रखी गईं। व्यापारियों ने साफ कहा कि जब तक उनकी जायज मांगों पर सकारात्मक और ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

    आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मुरादाबाद आढ़ती संघ के अध्यक्ष खूबकरन सिंह सैनी ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह लोकतांत्रिक, अनुशासित और अहिंसात्मक है। व्यापारियों का उद्देश्य टकराव नहीं, बल्कि अपनी समस्याओं का न्यायसंगत समाधान पाना है। उन्होंने विश्वास जताया कि मंडी प्रशासन उनकी बातों को गंभीरता से समझेगा और जल्द ही कोई ठोस रास्ता निकालेगा।

    व्यापारियों ने प्रमुख मांग रखते हुए कहा कि उनके टीनशेड को अन्य टीनशेडों की तरह ऊंचा, नया और छायादार बनाया जाए, ताकि मौसम की मार से व्यापारियों और किसानों दोनों को राहत मिल सके। इसके साथ ही व्यापारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि मंडी परिसर की लगभग 70 प्रतिशत खाली पड़ी भूमि पर यदि प्रशासन आवश्यकता के अनुसार दुकानों का निर्माण कराता है, तो उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

    उनका कहना है कि इससे मंडी की व्यवस्था सुधरेगी और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर बिशन पाल ठाकुर, ओमप्रकाश सैनी, चरण सिंह, मोहन लाल सैनी, संजय गुप्ता, दीपक सैनी, दलचंद सैनी सहित बड़ी संख्या में आढ़ती एवं व्यापारी मौजूद रहे।

     

    यह भी पढ़ें- 'कमीशन' की मांग पड़ी भारी: बिजनौर के बाबू पर गिरी गाज, कई बाबुओं पर कार्रवाई की तैयारी