पर्चा बना 'कमीशन' का धंधा? सरकारी अस्पताल में मरीजों की 'जेब' पर डाका डाल रहे डॉक्टर
मुरादाबाद के पंडित दीन दयाल उपाध्याय संयुक्त जिला चिकित्सालय में मरीजों को पूरा इलाज नहीं मिल पा रहा है। आरोप है कि डॉक्टर सरकारी दवाओं के बजाय बाहर क ...और पढ़ें

जिला अस्पताल में दवा लेने के लिए लाइन में लगे लोग
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। शहर के पंडित दीन दयाल उपाध्याय संयुक्त जिला चिकित्सालय में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों को परिसर में पूरा इलाज नहीं मिल पा रहा है। जरूरी दवाओं के लिए बाहर का रास्ता दिखाने से मरीज परेशान हैं। अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले कई मरीजों का आरोप है कि डाक्टर सरकारी अस्पताल में उपलब्ध दवाएं न लिखकर बाहर की महंगी दवाएं पर्चे पर लिख रहे हैं, जिससे मरीजों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मरीजों का कहना है कि सरकारी अस्पताल में इलाज कराने का उद्देश्य कम खर्च में उपचार पाना होता है, लेकिन डाक्टरों की ओर से बाहर की दवाएं लिखे जाने से उन्हें निजी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर मरीज इलाज अधूरा छोड़ने को विवश हो जाते हैं।
मरीजों के अनुसार, पर्चा लिखते समय डाक्टर यह भी दावा करते हैं कि बाहर की दवाएं अधिक असरदार हैं और जल्दी आराम देती हैं। इस दावे के चलते मरीज चाहकर भी सरकारी दवा नहीं ले पाते और महंगी दवाएं खरीदने को मजबूर हो जाते हैं। सोमवार को ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे कई मरीजों ने अपनी पीड़ा साझा की।
मरीजों की बात
हमारे पैर में गंभीर चोट आई है इलाज कराने जाने पर डाक्टर ने पर्चे पर बाहर की दवा लिख दी। दवा लिखने के दौरान यह कहा कि अगर बेहतर और अच्छा इलाज चाहते हैं बाहर से किट ले लीजिए। इससे जल्द राहत मिलेगी। - गोमती, हरथला।
हमारे हाथ पैरों में दर्द है। ओपीडी में डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने कैल्शियम की टेबलेट के अलावा बाहर की दवा लिख दी है। हम तो अस्पताल में ही दवा मिल जायेगी समझ कर आये थे। बाहर से दवा लेने के तो पैसे भी नहीं हैं। - सना परवीन, मूंढापांडे।
बीते दो दिन से कमर में दर्द है। एक्सरे कराया तो डाक्टर ने दवा लिखी कहा कि इन दवाओं से आराम हो जायेगा, लेकिन जब दवा लेने पहुंची तो यहां आधे घंटे लाइन लगे रहने के बाद हमें दवा देने वालों ने बताया कि दवा बाहर से मिलेगी। - जाकीदा, छजलैट।
अस्पताल में पर्याप्त दवाएं मौजूद हैं, बाहर से दवा लिखने पर खास हिदायत दी गई है, इसके बावजूद यह मामला सामने आया है। डाक्टर या जेआर जिसने भी दवा लिखी है लिखित शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- डा संगीता गुप्ता, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, जिला अस्पताल, मुरादाबाद
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