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    यूपी शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही: हिंदी के बाद अब गणित के पेपर में भी गलत सवाल, छात्र परेशान!

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 08:32 PM (IST)

    मुरादाबाद में यूपी शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आई है। हिंदी के बाद अब गणित की सातवीं कक्षा के प्रश्न पत्र में गलत सवाल पूछे गए हैं। शिक्षकों का दाव ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। हिंदी में आउट आफ सिलेबस प्रश्न पूछे जाने के बाद अब गणित विषय में भी गलत सवाल पूछे जाने का मामला सामने आया है। शिक्षकों का दावा है कि कक्षा सात में गणित विषय में प्रश्न एक का (च) सवाल गलत आया है। शिक्षकों का कहना है कि इस पर भी प्रिंट करने से पहले और बाद में चेक नहीं किया गया।

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    बच्चों के पास जब यह प्रश्न पत्र आया तो भी भ्रमित हुए थे। लेकिन, अब मूल्यांकन चल रहा है तो शिक्षक भी जान नहीं पा रहे हैं कि यह सवाल कहां से आया है। बीजगणित से जुड़ा यह सवाल है। जिससे बेसिक शिक्षा की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं कि लापरवाही से प्रश्न पत्र तैयार किए जा रहे हैं।

    जूनियर की कक्षाओं में पूर्णांक भी 30 की बजाय 50 प्रिंट हुआ है, इसको लेकर अधिकारियों ने जांच शुरु कर दी है और शासनादेश भी खंगाल रहे हैं कि उसमें कोई नया बदलाव तो नहीं है। शिक्षकों के अनुसार इस बार अर्धवार्षिक परीक्षा में कई विषयों में प्रश्न गलत पूछे गए हैं। हिंदी में राम पर आधारित प्रश्न पूछे हैं जबकि इससे संबंधित कोई चेप्टर नहीं है।

    प्रश्नों का गलत और आउट आफ सिलेबस आना शिक्षा विभाग की लापरवाही की ओर इशारा करता है। जूनियर कक्षाओं के पूर्णांक को लेकर अभी अधिकारी स्पष्ट नहीं कर पा रहे कि अगर पूर्णांक 50 का है तो क्या इस बार दो सत्र परीक्षाएं, अर्धवार्षिक परीक्षा और वार्षिक परीक्षा के पूर्णांक को जोड़कर 120 अंक में परीक्षा होगी? या 100 अंक की।

    हालांकि अधिकारी इसमें गलती मानते हुए जिम्मेदारी तय करने की बात कह चुके हैं। पिछले साल के रिपोर्ट कार्ड में देखें तो सत्र परीक्षाएं दस-दस अंक की हैं और अर्धवार्षिक परीक्षा 30 और वार्षिक परीक्षा 50 अंक की ही दर्शाई गई है।

     

     

    सातवीं कक्षा का प्रश्न (च) गलत है। जिससे छात्र यह सवाल हल नहीं कर पाए। वहीं जूनियर कक्षाओं में पूर्णांक 30 का है। अगर नया शासनादेश में 50 का हो गया है तो सत्र परीक्षाएं क्यों कराई गई हैं। इस हिसाब से तो 120 अंकों की परीक्षाएं पूरे साल में बैठती हैं।

    - नीरज शर्मा, जिलाध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ

     

     

    हमारी जिम्मेदारी केवल माडल को प्रिंट कराने की होती है, जो माडल आया था वही प्रिंट कराया गया। सवाल व पूर्णांक गलत है तो उसमें सुधार कराया जाएगा।

    - विमलेश कुमार, बीएसए


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