आबादी में तेंदुआ दहशत में जिंदगी... जंगलों के सिमटने से आबादी तक पहुंच रहे, शाम होते ही घरों में कैद हो जाते लोग
नौगावां सादात मंडी धनौरा रजबपुर डिडौली और पूरनपुर के जंगलों में तेंदुओं का आतंक है। जिले में 20 से अधिक तेंदुए घूम रहे हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि पिछले छह महीनों में किसी व्यक्ति पर तेंदुए ने हमला नहीं किया है। डीएफओ एसपी सिंह के मुताबिक नौगावां सादात क्षेत्र में दो तेंदुओं की मौत हो चुकी है।

जागरण टीम, मुरादाबाद। जंगलों के सिमटने के कारण वन्य जीवों का आबादी की तरफ रुख करना आम बात होती जा रही है। खासकर तेंदुओं की बढ़ती गतिविधियों ने ग्रामीण इलाकों में दहशत फैला दी है। मुरादाबाद मंडल के मुरादाबाद, अमरोहा और रामपुर जिलों में तेंदुओं की मौजूदगी ने लोगों को शाम होते ही घरों में कैद होने पर मजबूर कर दिया है।
डेढ़ महीने पहले मुरादाबाद हवाई अड्डे तक में तेंदुआ चहलकदमी करता पकड़ा गया। यहां के स्टाफ के कई दिन दहशत में गुजरे थे। जंगल में अकेले जाने का मतलब जान जोखिम में डालना है।
मुरादाबाद में तेंदुए की बढ़ती दहशत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 19 जनवरी को एक तेंदुआ मुरादाबाद हवाई अड्डे तक पहुंच गया। सीसीटीवी में कैद हुई तेंदुए की तस्वीरों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। वन विभाग की टीम ने कई दिनों की मशक्कत के बाद पिंजरा लगाकर तेंदुए को पकड़ लिया। उसे अमानगढ़ के जंगल में छोड़ दिया गया, लेकिन इसके बावजूद इलाके में तेंदुओं की गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। खेतों में अकेले काम करने वाले किसान तेंदुओं के आसान शिकार बन रहे हैं।
गन्ने के खेत में महिला पर किया था हमला
बिजनौर जिले में गन्ने के खेत में अकेले काम कर रही महिला पर तेंदुए ने हमला कर दिया। गनीमत रही कि शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और महिला की जान बच गई। वन विभाग ने कई इलाकों में पिंजरे लगा रखे हैं, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल सकी है। वन अधिकारियों का कहना है कि तेंदुए काफी चालाक होते हैं और अपनी लोकेशन बदलते रहते हैं।
पिंजरे में कैद तेंदुआ का फाइल फोटो।
ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह
ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। रामपुर के वन रेंजर मुजाहिद हुसैन का कहना है कि तेंदुओं को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। तेंदुए की सही लोकेशन मिलते ही उसे पकड़ लिया जाएगा। सावधानी ही तेंदुए के आतंक से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है। ग्रामीणों को सतर्क रहने और वन विभाग को सहयोग करने की जरूरत है।
रामपुर में भी तेंदुआ की दहशत
रामपुर जिले में भी तेंदुए की दहशत कायम है। पिछले आठ महीनों में यहां तीन तेंदुए पकड़े जा चुके हैं, लेकिन अब भी मसवासी और बिलासपुर क्षेत्रों में दो तेंदुओं की मौजूदगी है। मसवासी क्षेत्र में पिछले वर्ष अगस्त में नन्हे के मझरा गांव के जंगल में लगे पिंजरे में तेंदुआ कैद हो गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी।
इसके बाद तेंदुआ जौहर यूनिवर्सिटी में देखा गया। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए यूनिवर्सिटी में पिंजरा लगाया तब एक सितंबर को तेंदुआ कैद हो गया था। इसके बाद मसवासी क्षेत्र के करीमपुर गांव में तेंदुआ देखे जाने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई।
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वन विभाग की टीम ने की जंगल में कांबिंग
वन विभाग की टीम ने जंगल में कांबिंग की तब जंगल में तेंदुए के पगमार्क मिले थे। अगले दिन तेंदुए ने कुत्ते को निवाला बना लिया था। जिस पर करीमपुर गांव पहुंची वन विभाग की टीम ने एक सितंबर कि शाम तेंदुए को पकड़ने के लिए कुत्ते के अवशेष डालकर पिंजरा लगाया तब दो सितंबर 2024 को तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया।
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तराई क्षेत्र में सबसे ज्यादा डर
मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा, छजलैट, डिलारी, भगतपुर टांडा और मूंढापांडे विकासखंड क्षेत्र के तराई इलाकों में तेंदुए की मौजूदगी सबसे अधिक देखी जा रही है। रामगंगा और कोसी नदी के किनारे बसे गांवों में तेंदुओं की चहलकदमी आम हो गई है। ग्रामीण शाम होते ही घरों में कैद हो जाते हैं। बच्चे दिन में भी घर से बाहर खेलने से डरते हैं।
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