Indian Railways : शेषनाग से किया किनारा, छोटे नाग ने बढ़ाई मुरादाबाद रेल मंडल की आय
Railway Sheshnag freight train कोरोना संक्रमण के दौरान कम से कम ट्रेनें चलने की वजह से रेलवे की आय प्रभावित रही इसे देखते हुए रेलवे ने ज्यादा से ज्यादा मालगाड़ियों को चलाकर अधिक से अधिक आय अर्जित करने की कोशिश की।
मुरादाबाद, जेएनएन। Railway Sheshnag freight train। मुरादाबाद रेल मंडल शेषनाग के बजाय छोटा नाग चला रहा है। छोटा नाग मालगाड़ी से रेलवे की आय बढ़ी है। अभी तक मंडल से 22 छोटे नाग मालगाड़ियां चलाई जा चुकी हैं।
रेल प्रशासन आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। यात्री ट्रेनों के नहीं चलने पर माल ढुलाई पर जोर दे रहा है। रेल मंडल स्तर पर बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट बनाई गई है। यूनिट के अधिकारी मंडल भर के व्यापारियों से संपर्क कर अधिक से अधिक माल ढुलाई के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इससे मालगाड़ी से अधिक माल की ढुलाई की गई। अब रेलवे सामने बढ़ी समस्या है कि कम समय में अधिक से अधिक व्यापारियों का माल कैसे गंतव्य तक पहुंचाया जाए। एक मालगाड़ी में 58 बोगी होती है। देश भर के कई रेलवे मंडल में चार से पांच मालगाड़ी को जोड़कर एक मालागाड़ी बनाकर चलाई जा रही है। इसके नाम शेषनाग, अजगर मालगाड़ी रखा जाता है। इस व्यवस्था के बाद व्यापारियों ने अधिक से अधिक माल की ढुलाई करानी शुरू कर दी है। मुरादाबाद रेल मंडल भी दो या तीन मालगाड़ी को जोड़कर छोटा नाग के नाम से मालगाड़ी चला रहा है। जनवरी माह से 22 छोटा नाग मालगाड़ियां चलाई जा रहीं हैं। मुरादाबाद रेल प्रशासन सहारनपुर में दो या तीन मालगाड़ी को एक साथ जोड़ देता है और बीच रास्ते में बिना रोके इन्हें लखनऊ तक पहुंचाया जाता है। बिना रुके चलने से मालगाड़ी 11 घंटे के स्थान पर नौ घंटे में ही लखनऊ पहुंच जाती है। रास्ता खाली होने से अन्य मालगाड़ी का संचालन किया जाता है। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि कम समय में दो मालगाड़ियां चलाई जा रहीं हैं। पिछले माह इस तरह की 22 मालगाड़ियों का संचालन किया गया है।
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