सावधान! विदेशी संपत्ति छिपाई तो ₹10 लाख का जुर्माना, आयकर विभाग ने जारी किए नोटिस
आयकर विभाग ने विदेशी संपत्ति छिपाने पर ₹10 लाख के जुर्माने की चेतावनी दी है। विभाग ने इस संबंध में नोटिस जारी किए हैं। कर चोरी के मामलों पर सख्ती से क ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। आप आइटीआर भर रहे हैं तो विदेशी प्रापर्टी से जुड़ी तमाम जानकारी देनी होगी। इसको लेकर आयकर ने करदाताओं को संदेश एवं ईमेल के माध्यम से नोटिस भेजे हैं। 31 दिसंबर तक भरे जाने वाले आइटीआर में विदेशी प्रापर्टी, बैंक खाता समेत अन्य जानकारी देनी होगी। आपको आयकर विभाग का कोई ई-मेल या संदेश मिला है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
आयकर विभाग ने साफ किया है कि ये संदेश किसी कार्रवाई के लिए नहीं, बल्कि करदाताओं को सतर्क करने और स्वेच्छा से सुधार का अवसर देने के लिए है। आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ये संदेश उन्हीं मामलों में भेजे गए हैं, जहां आईटीआर में दी जानकारी और विभाग के पास मौजूद डाटा में अंतर मिला है। यह डाटा बैंक, निवेश संस्थानों और विदेशी टैक्स एजेंसियों से मिलता है।
कर अधिवक्ता अंकित गुप्ता के अनुसार, ये कम्युनिकेशन सलाहात्मक (एडवाइजरी) हैं, न कि जांच या कार्रवाई। इसका मकसद करदाताओं को यह बताना है कि उनके कुछ लेनदेन की जानकारी विभाग के पास है, ताकि वे वार्षिक जानकारी स्टेटमेंट (एआइएस) देखकर सही जानकारी दे सकें। करदाता अपना एआइएस स्टेटमेंट चेक करने के बाद कंपलायंस पोर्टल पर फीडबैक दें।
जरूरत हो तो रिवाइज्ड आइटीआर फाइल करें। 2025-26 के लिए रिवाइज्ड या बीलेटेड आइटीआर भरने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर है। अगर विदेशी एसेट या इनकम की जानकारी नहीं दी तो ब्लैक मनी एक्ट के तहत 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है। गंभीर मामलों में कार्रवाई हो सकती है। ऐसी संपत्ति को अनडिस्क्लोस्ड फारेन एसेट मानकर उसकी वैल्यू पर 30 प्रतिशत तक टैक्स वसूला जाएगा।
किन्हें मिला आयकर का नोटिस
आयकर विभाग ने विदेश में बैंक अकाउंट, विदेशी शेयर, म्यूचुअल फंड, ईएसओपीएस या आरएसयूएस, विदेश में प्रापर्टी, क्रिप्टो या डिजिटल एसेट जैसी चीजें आईटीआर में डिस्क्लोज नहीं की हैं। उन्हें डाटा के आधार पर नोटिस दिए गए हैं। ऐसे करदाताओं को आइटीआर में विदेशी एसेट बताना जरूरी है। भारत के बाहर जमीन या फ्लैट, विदेश में बैंक अकाउंट (चाहे निष्क्रिय हो), विदेशी इंश्योरेंस पालिसी, विदेश में शेयर, म्यूचुअल फंड आदि की जानकारी देनी है।
कौन सा आइटीआर फार्म सही
विदेशी एसेट दिखाने के लिए आमतौर पर आइटीआर-2 या आइटीआर-3 का इस्तेमाल करना होता है। आइटीआर-1 या आइटीआर-4 इसमें मान्य नहीं हैं। यानी अगर आयकर विभाग का मैसेज-नोटिस आया है तो नजरअंदाज न करें। एआइएस जांचें, सही जानकारी दें और समय रहते आइटीआर सुधारें ताकि भविष्य में जुर्माने से बच सके।

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