मुरादाबाद के नवाबपुरा में कोरोना का नाम सुनते ही सहम जाते हैं लोग, एक ही परिवार के तीन लोगों की हुई थी मौत
Moradabad Nawabpura Corona Infection Panic नवाबपुरा में रोशन रौनक और सरताज की कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद लोग गली से निकलने में भी कतरा रहे थे। एक परिवार के तीन लोगों की मौत से पूरे क्षेत्र में दहशत थी। परिवार पूरी तरह टूट गया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Nawabpura Corona Infection Panic : कोरोना संक्रमण के प्रति गंभीर नहीं होने का दर्द कोई नवाबपुरा के सरताज के परिवार से पूछे। अप्रैल माह में एक साथ तीन जिंदगी छीनने वाले वायरस से आज भी नवाबपुरा का परिवार दहशत में है। मार्च अप्रैल में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने की वजह से परिवार के लोगों ने सावधानी बरतनी शुरू कर दी है। परिवार का कोई सदस्य आज भी हाथ मिलाने से कतराता है।
नवाबपुरा में रोशन, रौनक और सरताज की कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद लोग गली से निकलने में भी कतरा रहे थे। एक परिवार के तीन लोगों की मौत से पूरे क्षेत्र में दहशत थी। परिवार पूरी तरह टूट गया था। कुछ समझ नहीं आ रहा था। मानों चारो ओर अंधेरा ही दिखाई दे रहा था। तीनों के दफन में भी चंद लोग ही शामिल हुए थे। रौनक अली के बेटे दाउद ने बताया कि कोरोना वायरस ने हमारे बड़ों को हमसे छीन लिया। 2020 का अप्रैल माह ताउम्र याद रहेगा। हम लोग जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलते हैं। बच्चों को भी मास्क की हिदायत देते हैं। जबसे शहर में मरीजों के बढ़ने की जानकारी मिली है तबसे अधिक सतर्कता बरती जा रही है। लोगों के घरों में भी जाने से परहेज कर रहे हैं। पांच अप्रैल के बाद से हमारे परिवार पर कोरोना का कहर टूट पड़ा था। अब हालात ये हैं कि लोगों को शारीरिक दूरी और मास्क है जरूरी के लिए कहते हैं। कोरोना ने हमसे हमारे पिता, चाचा को छीना है। इसका दर्द हमें ही पता है। इसलिए किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं दें। संक्रमण लगने पर कोई भी सहयोग करने नहीं आएगा। आपसे लोग दूरी बना लेंगे। इसलिए कोरोना से बचाव के लिए टीका लगवाएं और शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन करें।
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