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    PM Agriculture Irrigation Scheme : आधुनिक तकनीक से फसलों की स‍िंचाई करें क‍िसान, योजना के ल‍िए आवेदन शुरू

    By Narendra KumarEdited By:
    Updated: Mon, 19 Jul 2021 03:55 PM (IST)

    कोरोना संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए उद्यान विभाग ने 252 किसानों को दो करोड़ रुपये सब्सिडी के बांट दिए। इस साल के लिए 1220 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की व्यवस्था करने का लक्ष्य मिला है।

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    किसानों को उद्यान विभाग ने दिए दो करोड़।

    मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए उद्यान विभाग ने 252 किसानों को दो करोड़ रुपये सब्सिडी के बांट दिए। इस साल के लिए 1220 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई की व्यवस्था करने का लक्ष्य मिला है। उद्यान विभाग ने किसानों ने योजना का लाभ देने के लिए आवेदन मांगने शुरू कर दिए हैं।

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    वर्ष 2020-21 में जिले में 1377 हेक्टेयर जमीन ड्रिप विधि और स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई कराने के लिए किसानों का चयन करके उन्हें सब्सिडी देनी थी। ड्रिप सिंचाई व्यवस्था सिंचाई की एक उन्नत तकनीक है, जो पानी की बचत करता है। इस विधि में पानी बूंद-बूंद करके पौधे या पेड़ की जड़ में सीधा पहुंचता है। जिससे पौधे की जड़े पानी को धीरे-धीरे सोखते रहते है। ड्रिप सिंचाई कम पानी की उपलब्धता वाले क्षेत्रों के लिए एक सफल तकनीक है। इससे फसलों को पालना किसानों के लिए आसान रहता है। इसके अलावा बौछारी या स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई में पानी को छिड़काव के रूप में दिया? जाता है। जिससे पानी पौधों पर वर्षा की बूंदों जैसी पड़ती हैं। पानी की बचत और उत्पादन की अधिक पैदावार के लिहाज से बौछारी सिंचाई प्रणाली अति उपयोगी और वैज्ञानिक तरीका मानी गई है। किसानों में सूक्ष्म सिंचाई के प्रति काफी उत्साह देखी गई है। इसके पीछे सरकार का मकसद यह था कि पानी की बचत हो और पानी हर पौधे तक पहुंच जाए। इससे गन्ने की फसल की लागत भी कम होती है। सरकार ने वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में इस योजना के तहत दो करोड़ की धनराशि जारी की। इस धनराशि को उद्यान विभाग ने ढाई सौ किसानों के बतौर सब्सिडी बांट दिया। जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1220 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई इन्हीं दोनों विधियों से कराने के लिए किसानों का चयन करने का लक्ष्य मिला है। किसानों का चयन करके उन्हें यह सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

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