सूफी अंबा प्रसाद के छापाखाना पर चस्पा किया फर्जी नोटिस, नगर निगम ने दी पुलिस को तहरीर
मुरादाबाद में स्वतंत्रता सेनानी सूफी अंबा प्रसाद के छापाखाना पर एक लाख रुपये के फर्जी गृहकर नोटिस चस्पा होने से मुद्दा गरमा गया है। नगर निगम ने इस नोटिस को फर्जी बताया है जिसमें किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं। कर निर्धारण अधिकारी ने कोतवाली में तहरीर दी है और मामले की जांच जारी है। भटनागर महासभा छापाखाना की देखरेख कर रही है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.सूफी अंबा प्रसाद के छापाखाना पर एक लाख रुपये बकाए में गृहकर का चस्पा नोटिस काे लेकर मुद्दा छाया हुआ है। कानून गोयान में स्थित इस छापाखाना के दरवाजे पर चस्पा नोटिस नगर निगम की पड़ताल में फर्जी माना जा रहा है। इस पर किसी अधिकारी के हस्ताक्षर व नोटिस जारी करने का दिनांक भी नहीं है।
चस्पा नोटिस का प्रारूप भी नगर निगम द्वारा जारी किए जाने वाले नोटिस से भिन्न है। भटनागर महासभा के अनुसार छापाखाना के हैंडिल पर लाल कपड़ा भी बांधा गया था जो अगले दिन जमीन पर गिरा मिला था। जबकि नगर निगम लाक की सील लगाकर उसे लिखा पढ़ी में लेता है। क्षेत्र की गृहकर राजस्व निरीक्षक प्रतिभा चौहान की ओर से भी कोई नोटिस चस्पा नहीं कराया गया है।
नोटिस पर दी तहरीर
नोटिस पर वर्ष 2023-24 का बकाया 102354.12 रुपये लिखा है जबकि नगर निगम की ओर से नोटिस 2025 तक के बांटे जाने हैं। जिनके डिमांड नोटिस तैयार हो रहे हैं। लेकिन, अभी बांटे भी नहीं गए हैं। नगर निगम अधिकारी इसे शरारती तत्वों की हरकत मान रहे हैं। जिसको लेकर नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल के निर्देश पर कर निर्धारण अधिकारी प्रमोद कुमार की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई है।
नगर निगम अधिकारी भी हैरान
शरारती तत्व कौन हैं? यह नगर निगम अधिकारियों की समझ से बाहर है। भटनागर महासभा के पदाधिकारी करीब दस दिन से इस नोटिस को छापाखाना के दरवाजे पर चस्पा हुए देख रहे हैं। सूफी अंबा प्रसाद के छापाखाना के भीतर अब कोई कमरा या मशीनें भी नहीं हैं। बताते हैं कि सूफी अंबा प्रसाद के ईरान चले जाने के बाद अंग्रेजों ने ही छापाखाना की मशीनें खुर्द बुर्द कर दी थीं। छापाखाना की बाहरी चहारदीवारी ही बची है, अंदर कोई कमरा या अन्य कोई निर्माण नहीं है।
सवा सौ साल पुराना है छापाखाना
करीब सवा सौ साल पुराने छापाखाना के कमरे जर्जर होने के कारण कमरे तोड़कर जगह भी सपाट कर दी गई है। सूफी अंबा प्रसाद अपने छापाखाने से अखबार निकालते थे और अंग्रेजों हुकूमत के जुल्म के खिलाफ लिखते थे। क्रांतिकारी सूफी अंबा प्रसाद को अंग्रेजी हुकूमत ने प्रताड़ित करती थी और उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। जिससे सूफी अंबा प्रसाद ईरान चले गए थे और वहीं पर 1917 में उनका निधन हो गया था। वह विवाहित नहीं थे।
बेबाकी से लिखते थे अंग्रेजों के अत्याचार
अपने देश की आजादी के लिए अखबार में अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ बेबाकी से लिखते थे। हिंदू मुस्लिम एकता के लिए प्रसिद्ध थे। सूफी अंबा प्रसाद का छापाखाना की जगह अब जिस भी हालत में है, उसकी देखरेख भटनागर महासभा ही करती आ रही है।
नगर निगम की ओर से यह नोटिस चस्पा नहीं किया गया है। यह नोटिस फर्जी है। इस पर हस्ताक्षर व दिनांक और हमारे प्रारूप की तरह भी यह नोटिस नहीं है। किसी शरारती तत्व ने यह चस्पा किया है। निगम द्वारा लाल कपड़ा भवन की सील में नहीं बांधा जाता है। लाक की सील लगाकर लिखा पढ़ी में लेते हैं। नगर निगम छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है। - अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त
कोई भी नोटिस नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी के हस्ताक्षर के बिना चस्पा नहीं किया जाता है। किसी शरारती तत्व ने यह फर्जी नोटिस चस्पा किया है। इस पर वर्ष 2023-24 का बकाया दिखाया गया है जबकि नगर निगम 2025 तक के नोटिस जारी करेगा। अभी नोटिस तैयार हो रहे हैं बांटे भी नहीं गए हैं। - आरती सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी
हमारे पास नोटिस लेकर कोई नहीं आया। केवल छापाखाना के दरवाजे पर चस्पा हुए देखा है। किसी ने लाल कपड़ा पर लपेट दिया था जो अगले दिन जमीन पर गिरा मिला। नगर निगम ने अगर यह नोटिस चस्पा नहीं किया है तो किसकी हरकत है, यह सामने आना चाहिए। छापाखाना की देखरेख भटनागर महासभा कर रही है। पवन भटनागर, महासचिव, भटनागर महासभा
मेरा घर भी छापाखाना के पास है। पता नहीं यह नोटिस किसने चस्पा किया है। हमारी जानकारी में नहीं है। स्वतंत्रता सेनानी के छापाखाना पर नोटिस चस्पा किसने किया है, इसकी जांच होनी चाहिए। - मनीष रस्तोगी, क्षेत्रवासी
स्वतंत्रता सेनानी के छापाखाना को गृहकर का नोटिस किस बात का दिया जा रहा है, वहां अब छापाखाना भी नहीं है और न ही कोई रहता है। जो सभी महासभा देखरेख कर रही है तो वह तो छापाखाना की विरासत को जिंदा रखे हुए हैं। यह नोटिस फर्जी या असली यह तो नगर निगम ही जाने। - इशरत उल्ला खां, उत्तराधिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लिखने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सूफी अंबा प्रसाद हमारे गौरव हैं। उनके छापाखाना पर नोटिस चस्पा करने का मजाक निंदनीय है। भटनागर महासभा को इस संबंध में नगर निगम अधिकारियों से वार्ता करनी चाहिए। - धवल दीक्षित, उत्तराधिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
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