पीएमओ तक पहुंचा मुरादाबाद में उवर्रक बेचने के लिए फर्जी लाइसेंस बनाने का मामला, होगी जांच
औद्यानिक सहकारी सीमितियों के पदाधिकारी बनकर फर्जी उवर्रक लाइसेंस बनाने का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। पीएमओ के आदेश पर कृषि निदेशालय ने इस मामले में जांच बैठा दी है। मामले में अब कार्रवाई तय मानी जा रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। औद्यानिक सहकारी सीमितियों के पदाधिकारी बनकर फर्जी उवर्रक लाइसेंस बनाने का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। पीएमओ के आदेश पर कृषि निदेशालय ने इस मामले में जांच बैठा दी है। मामले की जांच कर रहे उप कृषि निदेशक सीएल यादव ने जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी से इस संबंध में आख्या मांगी है। बताया जा रहा है कि इस मामले में कार्रवाई होनी तय है।
मुरादाबाद के साहूनगला गांव के रफीउद्दीन और डिलारी ब्लाक के ग्राम काकरखेड़ा निवासी अजीमुस्सान ने सितंबर को प्रधानमंत्री को शिकायती पत्र भेजा था। शिकायत में कहा गया था कि करनपुर गांव के शादाब हुसैन और उसके साथियों ने औद्योनिक समितियों के फर्जी पदाधिकारी बनकर उवर्रक बेचने के लाइसेंस बनवा लिए। इन्हीं फर्जी लाइसेंसों के जरिए उन्होंने तीन साल तक उवर्रक बेचने का धंधा किया। डीएम के आदेश पर जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार ने इस मामले की जांच की तो मामला पकड़ में आ गया। लेकिन, इस मामले में किसी विभागीय अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कृषि निदेशालय ने इस पर जांच बैठा दी। जांच उप कृषि निदेशक सीएल यादव कर रहे हैं। उन्होंने जिला कृषि अधिकारी को पत्र इस संबंध में आख्या के साथ पटल सहायक का नाम भी मांगा है। उप कृषि निदेशक का कहना है कि इससे पहले भी वह आख्या मांग चुके हैं। एक अवसर और दिया गया है। इसके बाद भी आख्या नहीं मिलती है तो निदेशालय को रिपोर्ट भेज दी जाएगी। उन्होंने बताया कि फर्जी तरीके से उवर्रक के लाइसेंस बनवाकर तीन साल तक कारोबार करने का मामला गंभीर है। इसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है।
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